
गुरुजी माधव सदाशिव गोलवलकर, संघ के द्वितीय सरसंघचालक, का जीवन राष्ट्र और समाज के प्रति निष्ठा का प्रतीक था। 1939 में सरकार्यवाह बनने के बाद, उन्होंने 33 वर्षों तक संघ का नेतृत्व किया। महात्मा गांधी की हत्या के बाद 1948 में संघ पर लगे प्रतिबंध से संघ को बाहर निकालने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। उनके कार्यकाल में विद्यार्थी परिषद, जनसंघ, मजदूर संघ, और विश्व हिंदू परिषद जैसी संस्थाओं की स्थापना हुई।