
Desk News/ Nagpur. गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का कार्य, प्रचार और प्रसार महाराष्ट्र की अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, वंचितों और बहुजन समाज के लोगों के बीच काफी प्रसिद्ध है। वर्तमान सरकार और सत्ताधारी दल के प्रति अन्याय और संवैधानिक अधिकारों से वंचित किए जा रहे लोगों में आक्रोश व्याप्त है। यह जनमानस सत्ता परिवर्तन की अपेक्षा कर रहा है। पार्टी की ओर से जनता के समक्ष सरकार और सत्ताधारी दल के प्रति असंतोष को स्पष्ट रूप से व्यक्त किया गया है।
पार्टी के प्रमुख मुद्दे:
1. पुनर्वास के नाम पर आदिवासियों की भूमि का अधिग्रहण: पुनर्वास के नाम पर आदिवासी गांवों और जमीनों का अधिग्रहण किया जा रहा है। जब आदिवासी अपने हक की आवाज उठाते हैं, तो उन्हें नक्सलवादी घोषित कर दिया जाता है और मारा जाता है।
2. सत्ताधारियों की मिलीभगत: सत्ताधारियों की मिलीभगत से अदाणी और अंबानी जैसे उद्योगपतियों द्वारा जंगलों के आसपास के गांवों की जमीनों पर कब्जा किया जा रहा है। वहां खदानों या बड़े-बड़े प्रोजेक्ट्स स्थापित कर आदिवासियों को बेघर किया जा रहा है। गढ़चिरौली जिले के सुरजागढ़ और छत्तीसगढ़ के हसदेव जैसे कई आदिवासी इसका शिकार हो चुके हैं।
3. रिजर्व फॉरेस्ट और टाइगर रिजर्व के कारण नुकसान: रिजर्व फॉरेस्ट और टाइगर रिजर्व के कारण वहां के किसानों को नुकसान हो रहा है। जंगली जानवरों और बाघों की वजह से आदिवासी समुदाय के लोग शिकार का शिकार हो रहे हैं, लेकिन जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता के कारण विधानसभा में इस मुद्दे पर कोई आवाज नहीं उठाई जाती।
4. महिलाओं और लड़कियों पर अत्याचार: अल्पवयस्क लड़कियों और महिलाओं पर अत्याचार और बलात्कार की घटनाएं बढ़ रही हैं। वहीं, किसानों को फसल का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है और जीवनावश्यक वस्तुओं पर GST लगाकर महंगाई बढ़ाई जा रही है।
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने अपने कार्यों और निष्ठा से महाराष्ट्र में सरकार बनाने का ठोस निर्णय लिया है। प्रदेश अध्यक्ष हरिश जी उईके के अनुसार, पार्टी आगामी 2024 की विधानसभा चुनाव में वंचित बहुजन आघाड़ी और अन्य आदिवासी संगठनों के साथ मिलकर तीसरा विकल्प प्रदान करेगी। पार्टी विदर्भ के कई विधानसभा क्षेत्रों जैसे चंद्रपुर, वर्धा, गढ़चिरौली, यवतमाल, नागपुर, रामटेक, भंडारा, गोंदिया, अमरावती आदि में चुनाव लड़ेगी। पार्टी अनुसूचित जातियों, जनजातियों, ओबीसी, अल्पसंख्यक और मुस्लिम समुदायों को साथ लेकर चुनाव में उतरेगी।वर्तमान सरकार और विपक्षी दल के कारण विदर्भ की जनता पर अत्याचार और अन्याय हुआ है। आदिवासी, दलित और शोषित वर्ग का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। इसीलिए, पार्टी ने तीसरा विकल्प बनकर अपने हक, अधिकार और न्याय के लिए चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है।महाराष्ट्र की जनता को शैक्षिक, सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक मुद्दों पर उनके अधिकार दिलाने के लिए हम विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। प्रदेश अध्यक्ष हरिश जी उईके ने सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को अपने-अपने क्षेत्रों में काम करने का निर्देश दिया है और प्रत्याशियों का चयन जारी है। यह जानकारी पार्टी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी गई, जिसमें प्रदेश अध्यक्ष हरिशजी उईके के मार्गदर्शन में प्रदेश कार्याध्यक्ष राजेश इंस्पाते, प्रदेश महासचिव सुधाकर आत्राम, प्रदेश उपाध्यक्ष सुखलाल नडावी, शहर अध्यक्ष दिनेश सेडाम, महिला जिलाध्यक्ष गंगाताई टेकाम, जिलाध्यक्ष विजयाताई रोहणकर, प्रदेश संगठन मंत्री नामदेव सेडमाके, संपर्क प्रमुख विठ्ठल उईके, जिलाध्यक्ष बापुजी मडावी, चंद्रपुर जिलाध्यक्ष जितु मडावी, वर्धा जिलाध्यक्ष मारोती उईके, अरविंद सांधकर (माना समाज संगठन), भगवान भोडे (गोवारी समाज संगठन), विशाल वाथ (यवतमाल), आशिष पेंदाम (वर्धा), कृष्णा सरोते (नागपुर), सुधाकर परतेकी (नागपुर) और आशा मसराम (नागपुर) उपस्थित थे।