
DESK NEWS. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। भारत सरकार इस बार आतंक के खात्मे के लिए बड़ी तैयारी में लगी है। केंद्र सरकार की ओर से सेना को किसी भी तरह की सैन्य कार्रवाई के लिए स्वतंत्र कर दिया गया है। इस बीच एक और बड़ी जानकारी सामने आई है। तोप-गोले बनाने वाली भारत सरकार की कई फैक्ट्रियों में कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई है। राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए इनकी छुट्टियां रद्द की गई है।
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत पाकिस्तान पर चौतरफा हमला कर उसे हर तरफ से कमजोर कर रहा है। पाकिस्तान को हर पल भारत की सैन्य कार्रवाई का खौफ सता रहा है। खौफ में पाकिस्तान भारत को परमाणु हमने की गिदड़ भभकी दे रहा है। इधर, रक्षा जानकार भी तैयारियों को देखकर कयास लगा रहे हैं कि भारतीय सेना पाकिस्तान के खिलाफ कभी भी बड़ा कदम उठा सकती है। इस बीच भारत में तोप-गोले बनाने वाली फैक्ट्रियों में कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द की गई है। जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र के चंद्रपुर, मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले समेत कई और भारत सरकार की आर्म्स फैक्ट्रियों में कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई है। आदेश में कहा गया है कि सभी कर्मचारियों को बिना चूके ड्यूटी पर रिपोर्ट करना होगा और इस महत्वपूर्ण अवधि के दौरान राष्ट्रीय आवश्यकताओं के अनुरूप निर्बाध उपस्थिति और योगदान सुनिश्चित करना होगा। यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब सीमा पर तनाव के बीच देर भर में रक्षा तैयारियां बढ़ गई हैं। ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों के अधिकारी कर्मचारियों की छुट्टी रद्द करने के पीछे कम उत्पादन को भी एक वजह बता रहे हैं। मगर इसके पीछे सेना की तैयारी को भी बड़ी वजह माना जा रहा है। सेना पाकिस्तान के खिलाफ बड़े एक्शन की तैयारी कर रही है ऐसे में गोला-बारूद की कमी का सामना न करना पड़े। इसके लिए पर्याप्त उपलब्धता को बनाए रखने के लिए कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द की गई है। सर्कुलर में यह भी स्पष्ट किया गया है कि छूट केवल अत्यंत आवश्यक परिस्थितियों में ही दी जाएगी.
म्यूनिशन्स इंडिया लिमिटेड (MIL) ने अपने भी कर्मचारियों की लंबी छुट्टियां रद्द कर दी हैं। देशभर में इस कंपनी के 12 आर्म्स फैक्ट्रियां है। कंपनी ने अधिकतर संयंत्रों में कर्मचारियों को दो दिनों से अधिक की छुट्टी नहीं लेने का निर्देश दिया है। आदेश में यह भी बताया गया है कि दो महीने तक अभी ऐसी ही स्थिति रहेगी। हालांकि MIL के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस फैसले को पहलगाम हमले के बाद की स्थिति से जोड़ने से इनकार किया है।