
नागपुर: भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया है. इस ऑपरेशन के तहत भारत पडोसी मुल्क पाकिस्तान में पनप रहे आतंकवाद की जड़ो को हिलाने का काम किया है. खास है की देश के सबसे बड़े दुश्मनों पर जो कार्रवाई की गयी है. उसमे नागपुर की हिस्सेदारी सबसे अहम है. आतंकी ठिकानों पर भारत ने जो ड्रोन कार्रवाई की है और जिस नागास्त्र ड्रोन से हमला किया गया है वो नागपुर में तैयार हुई है. ये नागपुर के लिए गर्व की बात है. आतंक पर सटीक निशाना लगाने वाला ड्रोन रक्षा क्षेत्र की देश की निजी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी सोलर इंड्रस्टीज की सहायक कंपनी इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड ने तैयार किया है. भारत और पाकिस्तान के बीच जबरदस्त युद्ध शुरू हो चुका है. इसकी शुरुवात पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा आतंकी ठिकानों को लेकर कार्रवाई के बाद हुई है. पाकिस्तान के भीतर आतंकी ठिकानों को लेकर चलाये गए ऑपरेशन सिंदूर से नागपुर का नाम गर्व के साथ जोड़ा जा रहा है. वजह है जिस ड्रोन के माध्यम से आतंकी ठिकानों को नेश्तनाबूत किया गया है उसका निर्माण नागपुर में ही किया गया है. भारत ने अपनी ही सीमा से नागास्त्रा-1 ड्रोन के सहारे आतंकी ठिकानो को निशाना बनाया था. नागपुर की कंपनी इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड ने साइलेंट किलर के रूप में पहचान रखने वाले इस आत्मघाती ड्रोन की 120 ड्रोन की खेप को दिसंबर 2024 में ही भारतीय सेना को सौपा है. सरकार ने कंपनी के साथ आपातकालीन रूप से 480 नागास्त्रा -1 ड्रोन खरीदने के लिए अनुबंध किया है..गर्व की बात ये है की लोइटरिंग म्यूनिशन तकनीक पर तैयार ये पूरी तरह से स्वदेशी ड्रोन है. और ये नागपुर में तैयार हुआ है इसलिए नागपुर वासियो के लिए अधिक गर्व की बात है. सोलर इंडस्ट्रीज इंडिया लिमिटेड लगातार नई तकनीक के साथ अत्याधुनिक रक्षा उपकरणों को तैयार किये जाने के क्रम में बढ़ रहा है. बीते दिनों 30 अप्रेल को जब पीएम नरेंद्र मोदी नागपुर पहुंचे थे. तब उन्होंने सोलर इंडस्ट्रीज इंडिया का दौरा किया था. और लोईटरिंग म्यूनिशन टेस्टिंग रेंज और रनवे का उद्घाटन भी किया था. इसी के माध्यम से इस तरह के ड्रोन का परिक्षण किया जाता है. कंपनी नागास्त्र की कई रेंज में अधिक क्षमता वाले ड्रोन तैयार कर रही है. अब का दौर युद्ध में तकनीक पर आधारित है और भारत अपने रक्षा क्षेत्र को आधुनिक कर रहा है. जिस नागास्त्र 1 ड्रोन को आतंकी ठिकानो में भेजा गया था. वह 12 किलो वजनी है और दो किलो विस्फोटक के साथ 30 किलोमीटर तक जाकर अपने लक्ष्य को भेद सकता है. खास है की टारगेट नहीं मिलने पर इसे वापस बुलाया जा सकता है या पैराशूट के माध्यम से इसकी लैंडिंग भी कराई जा सकती है. रक्षा के क्षेत्र में भारत ने वर्षो पहले जो तैयारियां शुरू कर दी थी. उसकी वजह से पाकिस्तान कर मोर्चे पर पस्त हो रहा है.