
नागपुर. महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के परिणामों के बाद महायुति सरकार आई है। विदर्भ क्षेत्र से मुख्यमंत्री बनने के बाद नागपुर में पहले विधानसभा सत्र के दौरान, महायुति सरकार ने वैदर्भीय जनता की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। सत्र की अवधि कम होने पर विजय वडेट्टीवार ने सरकार पर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि एक तरफ शेतकऱी आत्महत्या कर रहे हैं, सोयाबीन, धान और कपास को सही मूल्य नहीं मिल रहा, और विदर्भ में कई बड़े मुद्दे हैं, लेकिन सरकार ने उन्हें नजरअंदाज किया है। इसलिए महाविकास आघाड़ी ने शेतकरी विरोधी सरकार के चाय-पानी पर बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। वह आगे कहते हैं कि शाहू, फुले और आंबेडकर के प्रगतिशील महाराष्ट्र में संविधान का उल्लंघन हुआ है। आंबेडकरी समुदाय ने आंदोलन किए, लेकिन उस दौरान कोम्बिंग ऑपरेशन के जरिए कार्रवाई की गई, जिसमें कई कार्यकर्ताओं की पिटाई की गई और गिरफ्तारियां की गईं। एक कार्यकर्ता की मौत भी हुई, जो अत्यंत आपत्तिजनक है। विजय वडेट्टीवार ने यह भी बताया कि बीड में एक सरपंच का अपहरण कर उसकी निर्मम हत्या कर दी गई, जिसमें आरोपी को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। ऐसे आरोपियों को मंत्री बनाया जा रहा है, जो इस सरकार के खून से सने चेहरे का प्रतीक है। इस कारण महाविकास आघाड़ी ने इस खुनी सरकार के चाय-पानी पर बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। विधान परिषद के विपक्षी नेता अंबादास दानवे के निवास पर हिवाळी अधिवेशन से पहले महाविकास आघाड़ी की बैठक हुई। बैठक में महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले, राष्ट्रवादी कांग्रेस के शरद पवार गुट के नेता जितेंद्र आव्हाड, शिवसेना उद्धव बाळासाहेब ठाकरे पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सुनील प्रभू, महेश सावंत और ज. मो. अभ्यंकर उपस्थित थे। बैठक के बाद महाविकास आघाड़ी के नेताओं ने पत्रकारों से संवाद किया।