
मुंबई. महाराष्ट्र को 2028-2030 तक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य ने पिछले साल आधा ट्रिलियन डॉलर का लक्ष्य हासिल किया है। यह बात मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आज वर्ल्ड हिंदू इकोनॉमिक फोरम के उद्घाटन समारोह में कही। यह कार्यक्रम मुंबई के बीकेसी स्थित जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया गया है, जो 13 से 15 दिसंबर तक चलेगा। इस अवसर पर वर्ल्ड हिंदू इकोनॉमिक फोरम के संस्थापक स्वामी विद्यानंद, विधायक मंगल प्रभात लोढ़ा, फोरम के अध्यक्ष राजेश शर्मा, पद्मश्री टी.वी. मोहनदास पाई और सह-सचिव शैलेश त्रिवेदी सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने कहा, “मुंबई न केवल देश की आर्थिक राजधानी है, बल्कि यह जल्द ही फिनटेक की राजधानी भी बनेगी। वर्ल्ड हिंदू इकोनॉमिक फोरम ने भारतीय संस्कृति पर आधारित विकास के नए दृष्टिकोण प्रस्तुत किए हैं। पश्चिमी संस्कृति में केवल सक्षम व्यक्ति ही विकास कर सकता है, जबकि हिंदू संस्कृति में हर व्यक्ति को विकास का अधिकार है।” उन्होंने कहा कि आज भारत दुनिया में सबसे तेजी से प्रगति कर रहा है। आज का भारत तीसरी महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर है। पहले यह धारणा थी कि इतनी बड़ी आबादी वाला देश कैसे प्रगति कर सकता है। लेकिन देश के कुशल मानव संसाधन ने इसे संभव बनाया है।मुख्यमंत्री ने महाराष्ट्र की प्रगति पर चर्चा करते हुए कहा कि राज्य को देश का सबसे विकसित राज्य बनाने के लिए एक सलाहकार समिति का गठन किया गया है। नागपुर-मुंबई समृद्धि महामार्ग, जो 16 जिलों को जोड़ता है और जेएनपीटी बंदरगाह तक पहुंचाता है, आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करेगा। इसके अलावा, लॉजिस्टिक्स नीति और पायाभूत सुविधाओं के विकास पर राज्य सरकार का विशेष ध्यान है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में पायाभूत सुविधाओं के विकास को गति मिली है। जेएनपीटी से तीन गुना बड़ा वाधवन बंदरगाह बनाया जा रहा है, जो दुनिया के सबसे बड़े जहाजों को संभाल सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माजी प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के विचारों पर आधारित विकास की नई नीतियां बनाई हैं। पिछले 10 वर्षों में 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर लाया गया है। भारत का विकास मॉडल दुनिया के सामने एक मिसाल है। 2030 तक भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य है, जिसे 2028 तक हासिल किया जा सकता है। पद्मश्री टी.वी. मोहनदास पाई ने कहा कि भारत का मानव संसाधन देश की ताकत है। विकसित भारत ही हमारा भविष्य है। शिक्षा, स्वास्थ्य, डिजिटल तकनीक और महिला सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में काम करना आवश्यक है।