
नागपुर. करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने गुरुवार रात एमआईडीसी थाने में जाल बिछाकर सहायक पुलिस उपनिरीक्षक (एएसआई) रवींद्र मनोहर साखरे (54) को 30,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। एक 31 वर्षीय डॉक्टर के खिलाफ एमआईडीसी थाने में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई गई थी। इस शिकायत की प्राथमिक जांच की जिम्मेदारी एएसआई साखरे को सौंपी गई। जांच के दौरान साखरे ने डॉक्टर को थाने बुलाया और पूछताछ की। इसके बाद उन्होंने मामला दर्ज न करने और किसी भी कानूनी कार्रवाई से बचाने के बदले 30,000 रुपये की रिश्वत की मांग की। डॉक्टर ने पैसे देने में असमर्थता जताई, तो साखरे ने उन्हें गिरफ्तार करने और मामला दर्ज करने की धमकी दी। परेशान होकर डॉक्टर ने बुधवार को एसीबी से शिकायत की। शिकायत मिलने के बाद एसीबी के एसपी दिगंबर प्रधान, एडिशनल एसपी संजय पुरंदरे और डीवाईएसपी रोशन यादव के मार्गदर्शन में मामले की जांच की गई। डॉक्टर की शिकायत सही पाई गई, जिसके बाद गुरुवार को जाल बिछाया गया। डॉक्टर ने साखरे से मुलाकात की और जैसे ही उन्होंने रिश्वत की रकम ली, एसीबी की टीम ने उन्हें रंगेहाथ पकड़ लिया। साखरे के खिलाफ एमआईडीसी थाने में भ्रष्टाचार निवारण कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है। बताया जा रहा है कि साखरे इससे पहले बेलतरोड़ी थाने में तैनात थे, जहां भी उन पर पैसों की वसूली को लेकर कई आरोप लगे थे। इस कार्रवाई में इंस्पेक्टर आशीष चौधरी, वर्षा मते, हेड कांस्टेबल अस्मिता मल्लेवार, वंदना नगराले, अनिल बहिरे, प्रफुल भातुलकर, होमेश्वर वाइलकर और विजय सोलंकी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। एसीबी की इस कार्रवाई से पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है और भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त संदेश दिया गया है।