
नई दिल्ली. विम इंडिया द्वारा शुरू की गई ‘इक्वल वाऊज़’ (Equal Vows) नामक मुहिम इन दिनों सुर्खियों में है। इस मुहिम का उद्देश्य विवाह जैसे सामाजिक संस्थान में समानता के विचार को सशक्त बनाना है, विशेष रूप से घरेलू जिम्मेदारियों को लेकर। विज्ञापन में अभिनेता राजकुमार राव और पत्रलेखा ने यह संदेश दिया कि घर के काम सिर्फ महिलाओं की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि दोनों की साझा जिम्मेदारी है। इस विचार को समाज में और गहराई से पहुँचाने के लिए विम इंडिया ने यवतमाल में सच्चिकित्सा प्रसारक मंडल के सहयोग से एक अनोखा सामूहिक विवाह समारोह आयोजित किया। इसमें 120 नवविवाहित जोड़ों ने यह संकल्प लिया कि वे न केवल एक-दूसरे से प्रेम करेंगे, बल्कि घर की जिम्मेदारियों को भी समान रूप से निभाएंगे। हालांकि, इस मुहिम को लेकर समाज में मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। एक वर्ग इसे सामाजिक बदलाव की दिशा में सकारात्मक कदम मान रहा है, वहीं दूसरा वर्ग इसे भारतीय परंपराओं में अनावश्यक हस्तक्षेप बता रहा है। कई लोगों का कहना है कि सदियों पुरानी भारतीय संस्कृति ही हमारी पहचान है और उसमें बदलाव हमारी जड़ों से कटने जैसा हो सकता है। पारंपरिक सोच रखने वाले लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि जब हमारी संस्कृति ने कभी किसी को कमतर नहीं आँका, तो फिर इस बदलाव की आवश्यकता क्यों महसूस की जा रही है? वहीं, आधुनिक सोच रखने वाले इसे लैंगिक समानता की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल बता रहे हैं। ‘इक्वल वाऊज़’ मुहिम ने विवाह जैसे पारंपरिक संस्था को नए दृष्टिकोण से देखने की राह दिखाई है। अब देखना यह होगा कि समाज परंपरा और आधुनिकता के इस द्वंद्व में किस ओर अग्रसर होता है।