
नागपुर. नागपुर के जयंत तांदुलकर को बॉटल आर्ट्स का अनोखा शौक है। उनकी कलात्मकता ने उन्हें एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया है, जब उन्होंने बॉटल्स के अंदर छोटी-छोटी वस्तुएं बनाकर दुनिया का सबसे छोटा चरखा तैयार किया। इस अद्वितीय कृति के कारण जयंत का नाम ‘इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ में दर्ज किया गया है, जो उनकी असाधारण प्रतिभा और मेहनत का प्रमाण है।
जयंत ने अपनी बॉटल आर्ट्स के माध्यम से न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बनाई है। उनके द्वारा बनाई गई कलाकृतियों में न केवल चरखा, बल्कि और भी कई अद्वितीय और सूक्ष्म वस्तुएं शामिल हैं, जिन्हें देखकर हर कोई दंग रह जाता है। उनकी कला की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि वे साधारण बॉटल्स का उपयोग करके उन्हें कला के अद्वितीय नमूनों में बदल देते हैं। जयंत के इस कला सफर की शुरुआत बचपन में ही हो गई थी, जब उन्होंने पहली बार बॉटल आर्ट्स के बारे में सुना और इसमें रुचि लेना शुरू किया। समय के साथ, उन्होंने इस कला में महारत हासिल की और अपनी कल्पनाओं को बॉटल्स के अंदर साकार करने लगे। उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है, जहां उनकी कलाकृतियों को न केवल सराहा जाता है बल्कि उन्हें रिकॉर्ड्स में भी जगह मिलती है। जयंत का मानना है कि किसी भी कला को साकार करने के लिए धैर्य, समर्पण और सटीकता की आवश्यकता होती है। उन्होंने अपनी कला के माध्यम से यह साबित कर दिया है कि यदि किसी में सच्ची लगन हो तो वह किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकता है। उनकी यह उपलब्धि न केवल उनके लिए गर्व की बात है, बल्कि नागपुर और पूरे भारत के लिए भी एक प्रेरणादायक कहानी है।
