
नई दिल्ली. दुनियाभर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टेक्नोलॉजी के विस्तार ने कामकाज के तौर-तरीकों में क्रांतिकारी बदलाव ला दिया है। बड़ी कंपनियों से लेकर स्टार्टअप्स तक, अब ऑटोमेशन टूल्स और जनरेटिव एआई का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। इससे जहां कर्मचारियों की उत्पादकता में इजाफा हुआ है, वहीं कई पारंपरिक नौकरियों की प्रकृति भी बदल रही है। हाल ही में एक रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में 2025 तक 60% से अधिक कंपनियाँ अपने रोज़मर्रा के कार्यों में एआई-आधारित सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करने लगेंगी। खासकर कस्टमर सपोर्ट, डेटा एनालिटिक्स और कंटेंट जनरेशन जैसे क्षेत्रों में एआई का प्रभाव साफ नजर आ रहा है। टेक एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले वर्षों में एआई न केवल व्यवसायिक प्रक्रियाओं को तेज करेगा, बल्कि नए अवसरों और स्किल्स की मांग भी पैदा करेगा। हालांकि, इसके साथ यह भी ज़रूरी है कि लोग नई तकनीकों के साथ खुद को अपडेट रखें ताकि वे प्रतिस्पर्धा में पीछे न रहें।