
अमरावती. जिले में बीते वर्ष हुई अच्छी बारिश और लगातार जल प्रवाह के चलते जिले की बड़ी, मध्यम और लघु जल परियोजनाएं भरपूर जल संग्रहण से लबालब थीं। जिले की सबसे बड़ी परियोजना समेत सात मध्यम और 48 छोटी परियोजनाएं भर गई थीं, कई तो ओवरफ्लो तक हो रही थीं। लेकिन अब गर्मी और वाष्पीकरण के कारण इन जल परियोजनाओं में पानी का स्तर तेजी से घटने लगा है। अप्रैल 2024 के अंतिम सप्ताह में जल संग्रहण का प्रतिशत जहां 46% था। वहीं इस वर्ष की तुलना में यह घटकर केवल 45.24% पर आ गया है। यह गिरावट मामूली दिख सकती है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि अगर तापमान इसी तरह बढ़ता रहा और मानसून में देरी हुई, तो जिले के कई गांवों को भीषण जलसंकट का सामना करना पड़ सकता है। जल विशेषज्ञों का कहना है कि लगातार जल वाष्पीकरण, घरेलू उपयोग और कृषि संबंधी जरूरतों के चलते जल का भंडारण तेजी से घट रहा है। इस स्थिति को देखते हुए प्रशासन को आपातकालीन जल प्रबंधन योजना तुरंत तैयार करनी चाहिए, ताकि मानसून के आगमन तक नागरिकों को जल संकट का सामना न करना पड़े।विशेष रूप से ग्रामीण और अति दुर्गम क्षेत्र जहां वैकल्पिक जल स्रोत नहीं हैं, वहां स्थिति और अधिक गंभीर हो सकती है। यदि आगामी दो महीनों तक बारिश नहीं हुई, तो टैंकरों से पानी की आपूर्ति करनी पड़ सकती है। जल संसाधन विभाग को लगातार जल परियोजनाओं की निगरानी करनी होगी और जल के उपयोग को नियंत्रित करने के उपाय तुरंत लागू करने होंगे। साथ ही, जल संरक्षण और जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को पानी के विवेकपूर्ण उपयोग के लिए प्रेरित करना होगा।