
नागपुर. यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी पात्र मतदाता मतदान से वंचित न रह जाए, जिला निर्वाचन प्रणाली पूरी लगन से काम कर रही है। आज दिव्यांग और बुजुर्गों ने घर से मतदान करके अपने लोकतांत्रिक अधिकार का उपयोग किया। जिले के दूरदराज और दुर्गम इलाकों में रहने वाले बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं ने घर से मतदान कर लोकतंत्र के उत्सव में अपनी भागीदारी निभाई। मजबूत लोकतंत्र के लिए हर एक वोट महत्वपूर्ण होता है। भारत निर्वाचन आयोग ने 85 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाताओं और 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता प्रमाणपत्र वाले मतदाताओं के लिए घर से मतदान की सुविधा प्रदान की है, ताकि कोई मतदाता मतदान से वंचित न रहे। इस दिशा में जिला निर्वाचन अधिकारी और जिलाधिकारी डॉ. विपिन इटनकर के मार्गदर्शन में 14 और 15 नवंबर को जिले में घर से मतदान की प्रक्रिया संपन्न हो रही है। इसकी शुरुआत आज जिले के 12 विधानसभा क्षेत्रों से की गई है। रामटेक तहसील के मध्यप्रदेश सीमा से सटे अत्यंत दुर्गम क्षेत्रों में बुजुर्गों ने अपने मतदान के अधिकार का उपयोग किया। इनमें कट्टा, सावरा, तुलारा और बेलदा जैसे दुर्गम क्षेत्रों के नौ मतदाताओं ने घर से मतदान किया। साथ ही, कामठी के दिव्यांग मतदाता विनायक कुलदीवार, फौजिया तब्बस्सुम सय्यद मोहम्मद अली और राजेश मेश्राम ने भी घर से मतदान कर अपना कर्तव्य निभाया। 14 और 15 नवंबर को काटोल विधानसभा क्षेत्र में दिव्यांग और 85+ आयु वर्ग के मतदाताओं के लिए घर-घर जाकर मतदान कराने हेतु 23 टीमें बनाई गई हैं। नागपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में दिव्यांग और 85+ आयु वर्ग के मतदाताओं के लिए आज 24 टीमें तैनात की गईं, नागपुर उत्तर (अ.जा.) विधानसभा क्षेत्र में 7 टीमें, और रामटेक विधानसभा क्षेत्र में 15 टीमें सक्रिय रहीं। भारत निर्वाचन आयोग ने यह विशेष व्यवस्था की है ताकि 85 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाता और 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता प्रमाणपत्र वाले मतदाता अपने घर से मतदान कर सकें। 14 और 15 नवंबर के दौरान जिले के 12 विधानसभा क्षेत्रों में 3,437 मतदाता घर से मतदान कर रहे हैं, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों के 1,416 और शहरी क्षेत्रों के 2,021 मतदाता शामिल हैं।