
नागपुर. लोकतंत्र में कानून का शासन सर्वोच्च स्थान रखता है। न्याय व्यवस्था को लोकतंत्र का सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ माना जाता है और आज भी नागरिकों का सबसे अधिक विश्वास न्याय व्यवस्था पर है। इस विश्वास को बनाए रखने के लिए अच्छे वकील जरूरी हैं और अच्छे वकील तैयार करने के लिए अच्छे महाविद्यालय और अनुभवी शिक्षकों की आवश्यकता है, यह बात मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कही। वे डॉ. बाबासाहब आंबेडकर विधि महाविद्यालय के शताब्दी समारोह के उद्घाटन कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी, राज्य मंत्री आशिष जैस्वाल, राज्य मंत्री इंद्रनील नाईक, कुलगुरु डॉ. प्रशांत बोकारे, न्यायमूर्ति वी. एस. सिरपूरकर, प्राचार्य डॉ. रविशंकर मोर, रजिस्ट्रार डॉ. राजू हिवसे सहित अन्य प्रमुख लोग उपस्थित थे। मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा, “जो भी कुछ मैं आज तक हुआ, उसमें डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर विधि महाविद्यालय का बड़ा योगदान है। यहाँ के शिक्षकों से प्राप्त ज्ञान के कारण ही मैंने एक विधायक से मुख्यमंत्री बनने तक की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाई।” उन्होंने बताया कि विधायिका के प्रतिनिधि के रूप में कानून की समझ होना बहुत जरूरी है, और इसी ज्ञान के कारण उन्हें अपनी पहली ही टर्म में उत्कृष्ट संसद सदस्य का पुरस्कार मिला। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि ज्ञान की परिभाषा आजकल तेजी से बदल रही है, खासकर कृत्रिम बुद्धिमत्ता के विकास के साथ। उन्होंने कहा कि इस बदलते तकनीकी माहौल का न्याय व्यवस्था को गति देने में प्रयोग किया जा सकता है। “न्यायपालिका को मजबूत करने के लिए हमें अच्छे वकील तैयार करने होंगे, और इसके लिए अच्छे महाविद्यालयों और शिक्षकों की जरूरत है। महाराष्ट्र में इस दिशा में हमने तीन प्रमुख लॉ स्कूल स्थापित किए हैं। न्यायमूर्ति सिरपूरकर के नेतृत्व में हम राष्ट्रीय लॉ स्कूल भी स्थापित करने में सफल हुए हैं,” उन्होंने कहा। उन्होंने यह भी कहा कि शताब्दी समारोह के अवसर पर इस महाविद्यालय की नई इमारत को सरकार पूरी मदद प्रदान करेगी और इस महाविद्यालय के छात्रों के लिए यह गर्व का विषय है। केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी ने कहा कि लोकतंत्र में संविधान के मूलभूत सिद्धांतों का पालन करते हुए समय पर न्याय प्राप्ति ही लोकतंत्र की मजबूती का आधार है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि बदलते तकनीकी समय में कानून की प्रक्रिया में बदलाव और सुधार से न्यायिक प्रक्रिया में तेजी आएगी। कुलगुरु डॉ. प्रशांत बोकारे ने महाविद्यालय से निकले न्यायमूर्तियों का सम्मान करते हुए कहा कि अच्छे शिक्षा संस्थान समाज की समृद्धि का प्रतीक होते हैं। इस कार्यक्रम का उद्घाटन प्राचार्य डॉ. रविशंकर मोर ने किया।