
नागपुर. रेलवे में कर्मचारियों की सुरक्षा और कार्यक्षमता को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से, मध्य रेलवे, नागपुर मंडल ने ड्यूटी पर नशे की समस्या से निपटने के लिए 15 दिवसीय विशेष सुरक्षा अभियान शुरू किया है। इस अभियान का नेतृत्व मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) विनायक गर्ग और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) एस. मंजुनाथ के निर्देशन में किया जा रहा है। अभियान के तहत “शराब का व्यावसायिक स्वास्थ्य और सुरक्षा पर प्रभाव” विषय पर नागपुर के मंडलीय रेलवे अस्पताल में विशेष जागरूकता व्याख्यान आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का नेतृत्व वरिष्ठ मंडलीय चिकित्सा अधिकारी (मनोचिकित्सक) डॉ. आरती फाप्पे ने किया। उन्होंने ऑडियो-विजुअल प्रस्तुति के माध्यम से शराब के मानसिक, शारीरिक और संपूर्ण स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। डॉ. आरती फाप्पे ने बताया कि शराब का सेवन निर्णय लेने की क्षमता और संज्ञानात्मक कौशल को कमजोर करता है, जिससे विशेष रूप से ट्रेन संचालन जैसी महत्वपूर्ण भूमिकाओं में दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने कर्मचारियों को जागरूक करते हुए बताया कि शराब की लत से बचने के लिए प्रारंभिक हस्तक्षेप, परामर्श, परिवार का सहयोग, चिकित्सा विशेषज्ञों की मदद और पुनर्वास केंद्रों का सहारा लेना बेहद जरूरी है। इस व्याख्यान में लगभग 60 रेलवे अधिकारियों ने भाग लिया और इस जानकारीपूर्ण सत्र की सराहना की। कार्यक्रम का उद्देश्य रेलवे कर्मचारियों में उच्च सुरक्षा मानकों और स्वस्थ कार्यस्थल संस्कृति के प्रति जागरूकता फैलाना था। डॉ. आरती फाप्पे ने सभी प्रतिभागियों का उत्साहपूर्वक भाग लेने के लिए आभार व्यक्त किया, वहीं जूनियर फील्ड वर्कर संजय सवले को कार्यक्रम के सफल आयोजन में उनके प्रयासों के लिए सम्मानित किया गया। मध्य रेलवे अपने कर्मचारियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता देने के मिशन पर कायम है और सभी के लिए एक सुरक्षित और कुशल कार्य वातावरण सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।