
नागपुर. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नामांकन में समय की कीमत क्या होती है, इसका एक ताजा उदाहरण नागपुर के पूर्व विधायक अनीस अहमद के साथ देखने को मिला। वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) से टिकट पाने वाले अनीस अहमद, महज एक मिनट की देरी से नामांकन दाखिल नहीं कर पाए। कांग्रेस से टिकट की आस लगाए अनीस को जब वहां से मौका नहीं मिला, तो उन्होंने वीबीए का हाथ थामा और एक दिन पहले ही पार्टी से जुड़े। वीबीए ने तुरंत ही उन्हें नागपुर की मध्य नागपुर सीट से उम्मीदवार घोषित कर दिया। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 29 अक्टूबर थी, और अनीस ने समय पर सभी औपचारिकताएं पूरी भी कर लीं। मगर, जब वह नामांकन अधिकारी के पास पहुंचे, तो तीन बजकर एक मिनट हो चुका था – सिर्फ एक मिनट की देरी। निर्वाचन अधिकारी ने नियमों के तहत तीन बजे का समय खत्म होते ही नामांकन हॉल का दरवाजा बंद कर दिया, जिससे अनीस अहमद चुनाव में हिस्सा लेने से चूक गए। अनीस ने इस घटना को लेकर प्रशासन पर सवाल खड़े किए और कहा कि तीन बजे से पहले ही वह कई गेट पार कर अंदर पहुंच चुके थे, लेकिन फिर भी उन्हें रोक दिया गया।