
नागपुर. नागपुर शहर की बस सेवा पिछले सात दिनों से ठप पड़ी हुई है, जिससे प्रतिदिन 1.12 लाख से अधिक नागरिक, जिनमें छात्र, महिलाएं और वरिष्ठ नागरिक शामिल हैं, को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नवरात्रि उत्सव और परीक्षाओं के समय में इस प्रकार की समस्या से जनता बेहद परेशान है। इस स्थिति के लिए कांग्रेस के पश्चिम नागपुर के विधायक और नागपुर शहर (जिला) कांग्रेस समिति के अध्यक्ष विकास ठाकरे ने भाजपा की जनविरोधी नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है। ठाकरे ने महाराष्ट्र सरकार से शहर की बस सेवा के चालक, परिचालक और अन्य कर्मचारियों की मांगों को तत्काल पूरा करने की अपील की है और कहा है कि सार्वजनिक परिवहन सेवा को जल्द से जल्द बहाल किया जाना चाहिए। भाजपा 2014 से राज्य और नागपुर महानगरपालिका में सत्ता में है, और 24 फरवरी 2015 को जारी की गई अधिसूचना के बाद से बस और ट्रक चालकों की स्थिति पर विशेष ध्यान नहीं दिया गया। इस अधिसूचना में कई कर्मचारियों के नाम हटा दिए गए, जिससे शहर बस सेवा के कर्मचारियों को भारी नुकसान हुआ। ठाकरे ने कहा कि सरकार को इस अधिसूचना में संशोधन कर नागपुर महानगरपालिका के लिए अतिरिक्त धन आवंटित करना चाहिए था, या कम से कम न्यूनतम वेतन अधिनियम के तहत कर्मचारियों के मूल वेतन में वृद्धि करनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। ठाकरे ने आगे कहा, “अब सिर्फ शहर के नागरिक ही नहीं, बल्कि शहर बस सेवा में काम करने वाले चालक, परिचालक और उनके परिवार भी इस संकट का सामना कर रहे हैं। सबसे दुखद बात यह है कि महाराष्ट्र सरकार इस पूरे मामले में मूकदर्शक बनी हुई है, जबकि शहर बस सेवा पिछले सात दिनों से प्रभावित है।” उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार और नागपुर महानगरपालिका की यह जिम्मेदारी है कि वे सुनिश्चित करें कि शहर बस सेवा निरंतर जारी रहे। जब सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने की जरूरत है, तब शहर की बस सेवा की स्थिति और बिगड़ती जा रही है। हर महीने होने वाला आर्थिक नुकसान बढ़ता जा रहा है, और इसके लिए राज्य और नागपुर महानगरपालिका में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार जिम्मेदार है। इन समस्याओं के कारण ही महाराष्ट्र के नागरिकों ने आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा और उसके सहयोगियों को सत्ता से बेदखल करने का मन बना लिया है।