
Desk News. रेलवे के बुनियादी ढांचे को आधुनिक बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत, नागपुर के इतवारी स्टेशन को नया स्वरूप दिया गया है। अब इसे नेताजी सुभाष चंद्र बोस इतवारी जंक्शन के नाम से जाना जाएगा। इस स्टेशन का पुनर्विकास ₹12.39 करोड़ की लागत से किया गया है, जो इसे यात्रियों के लिए आधुनिक और आकर्षक बना रहा है। पुनर्विकास के बाद, स्टेशन पर प्रवेश और निकास के लिए अलग-अलग द्वार बनाए गए हैं। यातायात प्रबंधन को आसान बनाने के लिए दो लेन की चौड़ी सड़कें और दोपहिया वाहनों के लिए अतिरिक्त पार्किंग स्थल उपलब्ध कराए गए हैं। इसके अलावा, यहां आधुनिक टिकट काउंटर, विशाल प्रतीक्षा हॉल और हवाई अड्डे जैसे मानकों के शौचालय बनाए गए हैं। दिव्यांगजनों की सुविधाओं पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। उनके लिए समर्पित टिकट काउंटर और रैंप जैसी सुविधाएं बनाई गई हैं। स्टेशन परिसर में सुरक्षा को मजबूत करने के लिए छह सीसीटीवी कैमरे और तीन हाई-मास्ट लाइटें लगाई गई हैं। पर्यावरणीय स्थिरता को ध्यान में रखते हुए, स्टेशन पर ऊर्जा-कुशल उपकरणों और संसाधनों का उपयोग किया गया है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस इतवारी जंक्शन की सजावट में नागपुर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत झलकती है। स्टेशन के बाहरी हिस्से को पारंपरिक और आधुनिक शैली का मिश्रण देकर सजाया गया है। खुर्दा डिज़ाइन पैटर्न से प्रेरित प्रवेश द्वार, गोंड कला, और नागपुर के संतरे की आकृतियों को प्रमुखता से प्रदर्शित किया गया है. प्रतीक्षा हॉल और कंसकोर्स क्षेत्र को धागे की पेंटिंग, कांच की मोज़ेक और स्थानीय कलाकृतियों से सजाया गया है, जो स्टेशन को एक अनूठा सांस्कृतिक आकर्षण प्रदान करती हैं। स्टेशन पर जल्द ही रेल कोच रेस्तरां (आरसीआर) शुरू होने वाला है, जहां यात्री स्वादिष्ट भोजन का आनंद ले सकेंगे। इसके अलावा, किफायती दवाओं की उपलब्धता के लिए जन औषधि केंद्र भी खोला गया है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस इतवारी जंक्शन अब न केवल नागपुर की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है, बल्कि यह भारतीय रेलवे के आधुनिक और समावेशी बुनियादी ढांचे की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत किए गए ये सुधार न केवल यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाएंगे बल्कि क्षेत्र की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को भी सहेजेंगे।