
नागपुर. राष्ट्रीय विधि सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति भूषण गवई ने रविवार को नागपुर सेंट्रल जेल का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने जेल में कैदियों के लिए की गई विभिन्न व्यवस्थाओं और सेवाओं का निरीक्षण किया। उनके साथ बंबई उच्च न्यायालय के न्यायाधीश वी.आर. घुगे और नागपुर खंडपीठ के न्यायाधीश नितिन सांबरे भी उपस्थित थे। न्यायमूर्ति गवई ने जिला विधि सेवा प्राधिकरण, नागपुर द्वारा जेल में स्थापित विधि सेवा केंद्र का दौरा किया। इस केंद्र द्वारा गरीब और न्यायाधीन कैदियों को मुफ्त कानूनी सहायता, जनजागृति शिविर, और लोक अभिरक्षक बचाव प्रणाली के अंतर्गत दी जा रही सेवाओं का निरीक्षण किया। उन्होंने महिला कैदी विभाग और कौशल विकास विभाग में उपलब्ध सुविधाओं का भी जायजा लिया। कैदियों द्वारा निर्मित वस्तुओं की प्रदर्शनी को देखकर उन्होंने उनकी रचनात्मकता की सराहना की। महिला कैदियों के बच्चों से बातचीत करते हुए उन्होंने उनकी शिक्षा के लिए की गई व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली। इस मौके पर अतिथियों के स्वागत के लिए आदिवासी गोंडी नृत्य प्रस्तुत किया गया। इसके साथ ही, विधि सेवा प्राधिकरण केंद्र परिसर में अतिथियों द्वारा पौधारोपण भी किया गया। कार्यक्रम में राष्ट्रीय विधि सेवा प्राधिकरण, दिल्ली के संचालक समरेंद्र नाइक निंबालकर, महाराष्ट्र राज्य विधि सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव समीर अडकर, प्रधान जिला न्यायाधीश दिनेश सुराणा, जिला विधि सेवा प्राधिकरण के सचिव सचिन एस. पाटिल, उपसचिव श्रीपाद देशपांडे, जेल एसपी वैभव आगे, उपाधीक्षक दीपा आगे और अन्य कर्मचारी उपस्थित थे। न्यायमूर्ति गवई ने जेल प्रशासन और जिला विधि सेवा प्राधिकरण की सेवाओं की प्रशंसा करते हुए इसे समाज के कमजोर वर्गों के लिए उपयोगी बताया।