
नई दिल्ली. जीवन में खुद से प्रतिस्पर्धा करें और हर पल को सकारात्मकता के साथ जिएं। आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए समय का सही नियोजन करें और छोटे-छोटे लक्ष्य निर्धारित कर उन्हें पूरा करने की खुशी मनाएं। साथ ही, परीक्षाओं का तनाव लेने के बजाय पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करें, इससे सफलता निश्चित रूप से मिलेगी। यह सलाह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छात्रों को दी। दसवीं और बारहवीं कक्षा की परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम के दौरान नई दिल्ली में स्कूली छात्रों से संवाद किया। इस कार्यक्रम का मुंबई में शिवाजी पार्क स्थित स्काउट और गाइड सभागार में प्रसारण किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, सांस्कृतिक कार्य मंत्री एड. आशीष शेलार और विभिन्न स्कूलों के छात्र उपस्थित थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छात्रों से केवल परीक्षा को अंतिम लक्ष्य न मानने, बल्कि समग्र ज्ञान प्राप्त करने की सीख दी। उन्होंने कहा कि छात्रों को केवल किताबों तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि अपनी पसंद के क्षेत्र में ज्ञान अर्जित करने का प्रयास करना चाहिए। स्वयं को पहचानें और वर्तमान के हर क्षण को बेहतरीन तरीके से जिएं। विचारों को मन में दबाकर न रखें और किसी भी उम्र में लिखने की आदत बनाए रखें, क्योंकि इससे अपनी राय व्यक्त करने में मदद मिलती है। प्रधानमंत्री मोदी ने असफलता को सफलता की ओर ले जाने वाला ईंधन बताते हुए कहा कि असफलता से घबराने के बजाय उसे अपना गुरु बनाएं। उन्होंने ध्यान साधना (मेडिटेशन) को एकाग्रता बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण बताया। साथ ही, उन्होंने छात्रों को प्रकृति से जुड़ने, मौसमी भोजन अपनाने, नई तकनीकों को सीखने और नेतृत्व कौशल में टीम वर्क के महत्व को समझाने की बात कही। प्रधानमंत्री ने छात्रों से पर्यावरण संरक्षण के लिए ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान से जुड़ने की अपील की। उन्होंने अभिभावकों से भी अनुरोध किया कि वे अपने बच्चों की क्षमताओं और रुचियों को पहचानें, उन्हें प्रोत्साहित करें और सही मार्गदर्शन दें।
डर पर विजय पाकर खुद में मूल्यवर्धन करें: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि चुनौतियाँ सभी के सामने आती हैं, लेकिन सकारात्मकता के साथ उनका सामना करना चाहिए। छात्रों को दूसरों से प्रतिस्पर्धा करने के बजाय स्वयं से प्रतिस्पर्धा करनी चाहिए और अपने मन में किसी भी प्रकार के डर पर विजय प्राप्त करनी चाहिए। अभ्यास से एक साधारण व्यक्ति भी असाधारण कार्य कर सकता है, इसलिए प्रधानमंत्री मोदी की सलाह के अनुसार, स्वयं को पहचानें और अपने व्यक्तित्व में मूल्यवर्धन करें। उन्होंने कहा कि केवल परीक्षा को अंतिम लक्ष्य न मानें, बल्कि जीवन की चुनौतियों का सामना कैसे किया जाए, इस दृष्टि से प्रधानमंत्री मोदी के साथ हुआ यह संवाद बेहद उपयोगी है। प्रधानमंत्री ने संघर्षपूर्ण जीवन से सफलता प्राप्त कर भारत की छवि को वैश्विक स्तर पर बदला है। उनके अनुभवों से छात्रों को जीवन के महत्वपूर्ण पाठ सीखने का अवसर मिला है। इस मौके पर मुख्यमंत्री फडणवीस के हाथों एसएनडीटी महाविद्यालय की डॉ. अदिति सावंत द्वारा लिखित पुस्तक ‘कॉटन’ का विमोचन भी किया गया।