कोरोना वायरस महामारी के कारण देश में लॉकडाउन है. इस बीच महाराष्ट्र के पालघर में तीन लोगों की पीट-पीटकर हत्या के मामला चर्चा में है. गुरुवार को करीब 200 लोगों की भीड़ ने चोर के शक में दो साधुओं और एक ड्राइवर को लाठी-डंडे से पीट-पीटकर मार डाला था. इस मामले में उद्धव सरकार ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. अभी तक 110 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इस मामले में लापरवाही के आरोप में कोंकण रेंज के आईजी ने कासा पुलिस स्टेशन के इंचार्ज और सेकेंड ऑफिसर को निलंबित कर दिया है. वहीं, अब गृहमंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से फोन पर बात की है. गृहमंत्री ने इस मामले पर महाराष्ट्र सरकार से रिपोर्ट मांगी है.
बताया जा रहा है कि मॉब लिंचिंग की घटना पुलिस के सामने घटी थी. भीड़ को शक था कि तीनों लोग चोर हैं. बाद में पता चला कि इनमें से दो साधु और तीसरा ड्राइवर था. वे कांदीवली से कार में सवार होकर सूरत जा रहे थे. मॉब लिंचिंग में मारे गए लोगों की पहचान सुशील गिरि महाराज, चिकने महाराज कल्पवरुक्षगिरी और ड्राइवर नीलेश तेलगाड़े के तौर पर हुई है.
रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों साधु पालघर के गड़चिनचले गांव में जब इंटिरयर रोड से होते हुए मुंबई से गुजरात की ओर जा रहे थे तभी किसी ने अफवाह उड़ा दी कि कुछ चोर भाग रहे हैं. इसके बाद दर्जनों लोगों की भीड़ उनके ऊपर टूट पड़ी. बताया जाता है कि यह पूरी घटना वहां मौजूद पुलिकर्मियों के सामने हुई लेकिन पुलिस ने कुछ नहीं किया. वहां मौजूद लोगों ने साधुओं के साथ एक ड्राइवर और पुलिसकर्मी पर हमला कर दिया. हमले के बाद साधुओं को अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.
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