Desk News. महामारी और प्राकृतिक आपदाओं के प्रबंधन को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के तहत एक केंद्रीय क्षेत्रीय योजना लागू की है। इस योजना के तहत उन्नत वायरस अनुसंधान और निदान प्रयोगशालाओं (VRDL) की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए वित्तीय वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक 324 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। सरकार ने अब तक विभिन्न मेडिकल कॉलेजों और अनुसंधान संस्थानों में कुल 163 वायरस अनुसंधान और निदान प्रयोगशालाओं की मंजूरी दी है। इनमें से 11 प्रयोगशालाओं को क्षेत्रीय दर्जा दिया गया है और ये जैवसुरक्षा स्तर-3 (BSL-3) सुविधाओं से लैस हैं। ये प्रयोगशालाएं सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण उच्च जोखिम वाले संक्रामक रोगजनकों का पता लगाने में सक्षम हैं। इस योजना के तहत केंद्र सरकार के सभी मेडिकल/अनुसंधान संस्थान, सशस्त्र बल चिकित्सा महाविद्यालय (आर्म्ड फोर्सेस मेडिकल कॉलेज), सैन्य चिकित्सा अस्पताल, रेलवे अस्पताल, और आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध, सोवा-रिग्पा एवं होम्योपैथी (आयुष) अस्पताल आवेदन करने के पात्र हैं। हालांकि, संस्थानों को योजना के दिशा-निर्देशों में उल्लिखित मानदंडों को पूरा करना होगा। आवेदन प्रक्रिया पूरी होने के बाद निधि उपलब्ध कराई जाएगी। योजना के विस्तृत दिशा-निर्देश और आवेदन प्रक्रिया के लिए यहां क्लिक करें। यह योजना महामारी और आपदाओं के प्रति देश की तैयारी और प्रतिक्रिया को मजबूत करने के लिए एक बड़ा कदम है। इन प्रयोगशालाओं से उच्च-स्तरीय अनुसंधान और निदान की सुविधा मिलेगी, जिससे देश में स्वास्थ्य प्रणाली अधिक सक्षम और सशक्त होगी। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
तोप-गोले बनाने वाली भारत सरकार की फैक्ट्रियों में कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द, राष्ट्रीय सुरक्षा का दिया हवाला
DESK NEWS. जम्मू-कश्मीर…