
Desk News. भारतीय नौसेना ने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में कराची बंदरगाह पर हमला कर पाकिस्तान की रीढ़ तोड़ दी थी। साथ ही विशाखापट्टनम पर हुए हमले को नाकाम करते हुए पूर्वी पाकिस्तान की नौसेना को पूरी तरह समाप्त कर दिया था। इस ऐतिहासिक उपलब्धि और भारतीय नौसेना के साहस को नमन करते हुए नागपुर स्थित माजी वायुसैनिक कल्याण संघटना (ईवान) ने बुधवार, 4 दिसंबर 2024 को अमर जवान स्मारक, अजनी चौक, नागपुर में भारतीय नौसेना दिवस बड़े उत्साह से मनाया। इस आयोजन में बड़ी संख्या में तीनों सेनाओं के पूर्व सैनिक, उनके परिवार, महिलाएं, नागरिक और विद्यार्थी उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता वाइस एडमिरल किशोर ठाकरे (सेवानिवृत्त) ने की। उन्होंने अपने संबोधन में 1971 के ऑपरेशन ट्राइडेंट की विस्तार से जानकारी दी। मंच पर मेजर जनरल अच्युत देव (सेवानिवृत्त) भी मौजूद थे। उन्होंने नौसेना के ऐतिहासिक योगदान, विशेष रूप से चोल साम्राज्य के समय के नेवी इतिहास का वर्णन करते हुए शुभकामनाएं दीं। कार्यक्रम की शुरुआत अमर जवानों को श्रद्धांजलि देकर की गई। उपस्थित नौसेना के पूर्व सैनिकों ने नौसेना में अपने अनुभव साझा किए। कार्यक्रम में ब्रिगेडियर सुनील गावपांडे (सेवानिवृत्त), कमोडोर आनंद अभ्यंकर (सेवानिवृत्त), और ग्रुप कैप्टन आर. बी. सिंह (सेवानिवृत्त) भी शामिल हुए। रक्षा अकादमी की सौ. वानखेड़े ने भी अपनी शुभकामनाएं दीं। ईवान के अध्यक्ष लक्ष्मीकांत नांदरुणकर, सचिव अजय गाढवे, अन्य पदाधिकारी, सदस्य और उनके परिवार भी आयोजन में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन गुरुदत्त खातखेडे ने किया, जबकि नेवी वेटरन संजय मसनेजी ने भारतीय नौसेना के गौरवशाली इतिहास का उल्लेख किया। कार्यक्रम का समापन मोहन दिवटे के आभार प्रदर्शन और भारत माता की जय के नारों के साथ हुआ।