
नागपुर: मानव और जंगली जानवर संघर्ष के बड़ी समस्या बनती जा रही है। तमाम कोशिशों के बावजूद इसमें कमी आने के बजाय यह दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है। वन मंत्री गणेश नाइक ने बताया कि महाराष्ट्र में मानव-वन्यजीव संघर्ष को रोकने और ग्रामीणों को जंगली जानवरों के हमलों से बचाने के लिए जंगलों के पास बफर जोन के गांवों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करने वाले कैमरे लगाए जाएंगे।” नाइक गुरुवार को नागपुर पहुंचे थे, जहां एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बात यह जानकारी दी।
नाइक ने कहा, “नव और वन्यजीवों के बीच संघर्ष को रोकने और ऐसी घटनाओं में होने वाली मौतों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। जंगलों के पास के गांवों में बाड़ लगाने और खाई खोदने के अलावा, ग्रामीणों को जंगली जानवरों के बारे में जागरूक करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। नाइक ने कहा कि इसके लिए कैम्पा वन्यजीव कोष और जरूरत पड़ने पर मैंग्रोव से मिलने वाले फंड का इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा, “महाराष्ट्र के जंगलों में जंगली जानवरों की बढ़ती संख्या के कारण मानव-वन्यजीव संघर्ष हो रहे हैं। जंगल में जानवरों की संख्या को नियंत्रित करने के उपाय किए जा रहे हैं। वह समय शाम 7:30 बजे से सुबह 7:30 बजे तक महत्वपूर्ण है। लोगों में जागरूकता लाने के लिए सोलर फेंसिंग लगाई जाएगी। इसके साथ ही कई उपाय किए जाएंगे।”
नागपुर जिले के पारशिवनी तहसील के नेउरवाड़ा गांव में बाघ के हमले में एक किसान की मौत हो गई है। नाइक ने कहा, “मृतक रवि कवडू कलसरपे (उम्र 38) खेत में काम कर रहे थे, तभी बाघ ने हमला किया। वन विभाग के अधिकारी लगातार काम कर रहे हैं। लेकिन, भ्रांतियां और गलतफहमियां फैलाई जाती हैं। विभाग के अधिकारी किसी को नहीं बताते। हम अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं।