
बुलढाणा: एक ओर जहां आतंकवादियों से जंग चल रही है, वहीं दूसरी ओर वन विभाग अतिक्रमण के खिलाफ बड़ी जंग लड़ रहा है। इसमें 100 वन कर्मी, पचास पुलिस कर्मी, एक सशस्त्र एसआरपी प्लाटून, दस जेसीपी मशीनें तथा एक लाख अतिक्रमण प्रभावित वन भूमि को खाली कराना शामिल है। यह कार्रवाई न केवल बुलढाणा जिले में बल्कि पश्चिमी विदर्भ में सबसे बड़ा अतिक्रमण प्रभावित वन भूमि मुक्ति अभियान है। यह बुलढाणा जिले के मोताला तहसील के राजूर में चल रही है। इस क्षेत्र में लगभग 1500 एकड़ वन भूमि है जिस पर पिछले बीस वर्षों से अतिक्रमण किया जा रहा है।
यहां 1,500 एकड़ भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए बड़े पैमाने पर आक्रामक अभियान शुरू हो गया है और जल्द ही अतिक्रमित क्षेत्र स्वतंत्र रूप से सांस ले सकेगा। यह इस बात का जीता जागता उदाहरण है कि अगर प्रशासन बिना किसी दबाव के दृढ़ इच्छाशक्ति से काम ले तो कुछ भी हासिल किया जा सकता है।