नागपुर. भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI), जो केंद्रीय खनन मंत्रालय के अधीन एक प्रमुख भूविज्ञान संस्थान है, 4 मार्च को अपना 175वां स्थापना दिवस मनाने जा रहा है। नागपुर के सेमिनरी हिल्स स्थित GSI कार्यालय में आयोजित होने वाले इस मुख्य समारोह का उद्घाटन राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के कुलगुरु डॉ. प्रशांत एस. बोकारे के द्वारा किया जाएगा। इस मौके पर GSI नागपुर के अतिरिक्त महानिदेशक एवं विभाग प्रमुख दिनेश वी. गणवीर भी उपस्थित रहेंगे। इस कार्यक्रम में विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों के छात्र भाग लेंगे, जहां वे प्रदर्शनी, भूवैज्ञानिक उपकरणों और विशेषज्ञों के साथ संवाद के माध्यम से GSI के कार्यों के बारे में जान सकेंगे। इसके अलावा, विद्यार्थियों के लिए एक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता भी आयोजित की जाएगी। GSI की स्थापना 1851 में हुई थी और तब से यह खनिज अन्वेषण और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। GSI के वैज्ञानिकों की मेहनत और विशेषज्ञता के कारण देश में खनिज संसाधनों की पहचान और उनके उपयोग में बड़ी प्रगति हुई है। भारत की अर्थव्यवस्था में खनिज संसाधनों का सीधा योगदान है, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ते हैं, व्यापार को बढ़ावा मिलता है, राजस्व में वृद्धि होती है और बुनियादी ढांचे का विकास होता है। GSI का यह ऐतिहासिक समारोह न केवल देश के खनिज संसाधनों के सतत विकास को रेखांकित करेगा, बल्कि नई पीढ़ी को भूविज्ञान और खनन के महत्व को समझाने का भी एक बेहतरीन अवसर होगा।
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