
नागपुर. महिला सशक्तिकरण और सतत परिवहन की दिशा में महाराष्ट्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। महिला और बाल विकास विभाग की पहल पर ‘पिंक ई-रिक्शा’ योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना के तहत राज्य के 8 जिलों में 10,000 पर्यावरण-अनुकूल कायनेटिक ग्रीन इलेक्ट्रिक 3-व्हीलर रिक्शाओं का वितरण किया जाएगा, जिससे महिलाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे और पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा। यह योजना महिला सूक्ष्म उद्यमिता को बढ़ावा देने में मदद करेगी, जिससे जीवन स्तर में सुधार और रोजगार निर्माण होगा। इस योजना का उद्घाटन 20 अप्रैल को नागपुर में हुआ, जिसमें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, महिला व बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे, कायनेटिक ग्रीन की संस्थापक सुलज्जा फिरोदिया मोटवानी और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे। इस योजना के तहत महिलाओं को ई-रिक्शा की खरीद पर 20% सब्सिडी दी जाएगी, और उन्हें 70% राशि बैंक लोन के माध्यम से कम ब्याज दर पर प्राप्त होगी। कायनेटिक ग्रीन द्वारा महिलाओं को ड्राइविंग प्रशिक्षण, ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने में सहायता और 1500 चार्जिंग पॉइंट्स स्थापित करने की योजना है। इसके अलावा, वाहन और बैटरी पर 5 साल की वारंटी और प्रत्येक 3 महीने में एक मुफ्त सर्विस प्रदान की जाएगी। योजना का उद्देश्य महिलाओं को सम्मानजनक और टिकाऊ रोजगार उपलब्ध कराना है, जिससे वे आत्मनिर्भर हो सकें। इस योजना में 20 से 50 वर्ष की आयु की महिलाएं शामिल हो सकती हैं, जिसमें विशेष रूप से विधवा, तलाकशुदा और गरीबी रेखा से नीचे की महिलाएं प्राथमिकता प्राप्त करेंगी। कायनेटिक ग्रीन की पिंक ई-रिक्शा एक चार्ज में 120 किमी की दूरी तय कर सकती है और इसे 16-एंपियर के घरेलू सॉकेट से भी चार्ज किया जा सकता है। इस पहल से महिलाएं अपने जीवन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करेंगी और एक सम्मानजनक जीवन जी सकेंगी। कायनेटिक ग्रीन के अध्यक्ष सुधांशु अग्रवाल ने इस योजना को एक महत्वपूर्ण कदम बताया, जो न केवल महिलाओं को रोजगार देगी, बल्कि उन्हें समाज में सार्थक योगदान देने का आत्मविश्वास भी प्रदान करेगी।