नागपुर. नागपूर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट का भूमि पूजन और 2015 से नागपूर शहर में मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य की शुरुआत हुई। कल महा मेट्रो नागपूर का 11वां स्थापना दिवस मनाया जाएगा। 2015 से 2025 तक के इस दस साल के सफर में महा मेट्रो ने कई सफलता की ऊंचाइयां छुईं, जिसमें नागपूर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट का फेज – 1 पूरा हुआ और फेज – 2 के निर्माण कार्य की शुरुआत हुई। इसके साथ ही नागपूर मेट्रो ने कई कीर्तिमान स्थापित किए, जिसमें एशिया के सबसे लंबी डबल डेकर वर्धा रोड व्हाया-डॉक्ट को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में मेट्रो श्रेणी के तहत दर्ज किया गया। नागपूर मेट्रो की कार्यवाही को अन्य राज्यों के शहरों में भी सराहा गया। इसके अतिरिक्त, नागपूर मेट्रो प्रोजेक्ट फेज – 2 का शिलान्यास हुआ और अब मेट्रो की यात्रा नई चुनौतियों के साथ जारी है। नागपूर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट फेज – 2 की लंबाई 43.8 किमी है और इसमें 32 मेट्रो स्टेशन होंगे। नागपूर मेट्रो, शहर की सार्वजनिक परिवहन की पहली पसंद बन चुकी है। अब यह मेट्रो शहर के चारों ओर काम कर रही है, जिसमें कॉलेज और स्कूल जाने वाले छात्र, नौकरी पेशा लोग और महिलाएं बड़ी संख्या में मेट्रो से यात्रा कर रहे हैं। मेट्रो सेवा सुबह 6 बजे से लेकर रात 10 बजे तक उपलब्ध है, और हर 10 मिनट में मेट्रो चल रही है।
2014
* 21 अगस्त 2014 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा नागपूर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट का भूमि पूजन
2015 से 2025 तक के प्रमुख घटनाक्रम
* 18 फरवरी 2015: नागपूर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट की स्थापना
* 31 मई 2015: नागपूर मेट्रो के कार्य की शुरुआत
* 23 जनवरी 2017: नागपूर मेट्रो का महा मेट्रो में रूपांतरण
* 2 अगस्त 2017: पहले 3 मेट्रो कोच नागपूर शहर में पहुंचे
* 30 सितंबर 2017: मेट्रो ट्रायल रन की शुरुआत और महा कार्ड का लॉन्च
* 21 अप्रैल 2018: एयरपोर्ट साउथ से खापरी के बीच जॉय राइड की शुरुआत
* 22 नवंबर 2018: चीन के CRRC डालीयन प्लांट से मेट्रो ट्रेन रवाना
* 8 जनवरी 2019: फेज – 2 प्रोजेक्ट को राज्य सरकार से मंजूरी मिली
* 7 मार्च 2019: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ऑरेंज लाइन का उद्घाटन
* 9 दिसंबर 2019: तेलंगाना सरकार द्वारा वारंगल मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए महा मेट्रो को नियुक्त किया
* 28 जनवरी 2020: मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा अँक्वा लाइन का उद्घाटन
आगे आने वाले वर्षों में महा मेट्रो के लिए कई महत्वपूर्ण घटनाएँ घटीं, जिसमें गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज किया जाना और अन्य कई विकासात्मक कार्य हुए।