
नागपुर. राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर प्राणिशास्त्र विभाग में “रेशीम खेती और जैव संसाधन प्रबंधन अनुसंधान” विषय पर एक रोजगार प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई। यह कार्यशाला विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर प्राणिशास्त्र विभाग और रेशीम खेती एवं जैव संसाधन प्रबंधन अनुसंधान केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में 20 मार्च 2025 को संपन्न हुई। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य छात्रों को रेशीम खेती, मॉरीकल्चर (रेशम कीट पालन), मधुमक्खी पालन और मशरूम कल्चर जैसे क्षेत्रों में व्यावहारिक प्रशिक्षण और प्रत्यक्ष अनुभव प्रदान करना था। उद्घाटन सत्र में डॉ. एस. के. रैना, डॉ. एम. एम. राय, डॉ. एम. के. राठोड़, डॉ. सुवर्णा वझलवार, स्नातकोत्तर प्राणिशास्त्र विभाग के प्रमुख डॉ. व्ही. टी. धुर्वे और रेशीम खेती व जैव संसाधन प्रबंधन अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ. सुरेश मसराम मुख्य रूप से उपस्थित रहे। इस अवसर पर विभाग प्रमुख डॉ. व्ही. टी. धुर्वे ने नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत छात्रों को रोजगारपरक प्रशिक्षण देकर कौशल विकास करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने ऑन-जॉब ट्रेनिंग (OJT) कार्यक्रम की विशेषताओं और इस कार्यशाला के महत्व पर मार्गदर्शन दिया। कार्यशाला का संयोजन डॉ. सुरेश मसराम के मार्गदर्शन में किया गया, जिसमें शैक्षणिक और तकनीकी दृष्टि से महत्वपूर्ण विषयों पर जानकारी दी गई। यह 15 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला चर्चा सत्र, प्रयोग, क्षेत्र भ्रमण और संवादात्मक सत्रों से भरपूर रही। कार्यशाला के माध्यम से छात्रों को वैज्ञानिक तरीके से रेशीम तकनीक, रेशम कीट पालन, कीट प्रबंधन और जैव अनुसंधान के उपयोग को समझने का अवसर मिला। उद्घाटन सत्र का आभार शोध छात्रा प्राची राठोड़ ने व्यक्त किया।