
नागपुर. साक्षी के रक्षीन प्रोजेक्ट ने बाल लैंगिक शोषण रोकथाम पर आधारित एक कार्यशाला का आयोजन 9 दिसंबर को व्हीएसपीएम कॉलेज ऑफ फिजिओथेरपी, लता मंगेशकर हॉस्पिटल परिसर, हिंगणा रोड, नागपुर में किया। साक्षी संस्था लैंगिक हिंसा को रोकने और लिंग आधारित हिंसा के दुष्चक्र को तोड़ने के लिए समर्पित है, जो समुदाय और परिवार के भीतर इस समस्या की जड़ों को संबोधित करती है। यह कार्यशाला कॉलेज की निदेशक डॉ. मनीषा देशपांडे की उपस्थिति में और एनएसएस यूनिट द्वारा आयोजित की गई थी। कार्यक्रम अधिकारी डॉ. पुष्पा धोटे ने इस कार्यशाला को सफल बनाने में सक्रिय भूमिका निभाई। कार्यशाला में छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और समाज में “रक्षीन” (हानि से रक्षक) के रूप में अपनी भूमिका को समझा। साक्षी के रक्षीन प्रोजेक्ट की निदेशक डॉ. रम्या निसाल ने छात्रों को बाल लैंगिक अपराधों से बचाव, POCSO अधिनियम, 2012 के महत्व और इसकी प्रावधानों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने इस अधिनियम की मुख्य विशेषताओं को सरल तरीके से समझाया, जो बच्चों को यौन उत्पीड़न से बचाने के लिए बनाए गए हैं। वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (WCL)ने साक्षी के रक्षीन प्रोजेक्ट के साथ मिलकर नागपुर के विभिन्न कॉलेजों में कार्यशालाएं आयोजित करने में सहयोग किया। इन कार्यशालाओं का उद्देश्य लैंगिक समानता को बढ़ावा देना और युवाओं के बीच जिम्मेदारी व जागरूकता की भावना पैदा करना है। इस प्रयास के लिए WCL का समर्थन उनके सुरक्षित और न्यायपूर्ण समाज के निर्माण के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। यह कार्यशाला लैंगिक संवेदनशीलता के प्रति जागरूकता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई।