
नागपुर. छत्रपति शिवाजी महाराज और छत्रपति संभाजी महाराज के इतिहास से यदि हम अनभिज्ञ रहेंगे, तो देश में ‘पहलगाम’ जैसी घटनाएं बार-बार घटित होती रहेंगी। आज हर गली-कूचे में पहलगाम जैसे खतरे खड़े हो रहे हैं, ऐसे समय में हिंदुओं को सजग रहना होगा। देश को आज ‘शिवशंभू रक्त समूह’ जैसी राष्ट्रभक्त युवाशक्ति की सख्त आवश्यकता है। यह आवाहन प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य और वक्ता डॉ. परीक्षित सच्चिदानंद शेवडे ने किया। श्री सिद्धिविनायक सेवा ट्रस्ट द्वारा आयोजित ‘अभिवादन शेवाळकर’ त्रिदिवसीय महोत्सव की शुरुआत गुरुवार को हुई। लक्ष्मीनगर स्थित आठ रस्ता चौक के वॉलीबॉल मैदान में शुक्रवार को महोत्सव के दूसरे दिन ‘धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज’ विषय पर डॉ. शेवडे का व्याख्यान आयोजित किया गया। इस महोत्सव के मार्गदर्शक महाराष्ट्र विधान परिषद के विधायक श्री संदीप जोशी हैं।कार्यक्रम की शुरुआत दीपप्रज्वलन के साथ हुई, जिसमें पद्मश्री डॉ. विलास डांगरे और ट्रस्ट के प्रफुल्ल माटेगावकर प्रमुख रूप से उपस्थित थे। इस अवसर पर डॉ. डांगरे का पद्मश्री से सम्मानित होने पर सत्कार भी किया गया। जयंत आदमने ने डॉ. शेवडे का स्वागत किया। अपने ओजस्वी भाषण में डॉ. शेवडे ने छत्रपति संभाजी महाराज के जीवनकार्य पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बुरहानपुर पर हुए हमले, जंजिरा किले की घेराबंदी और पुर्तगालियों पर किए गए आक्रमणों का उल्लेख करते हुए संभाजी महाराज की वीरता, युद्धनीति, गनिमी कावा (छापामार युद्ध), और साहसिक रणनीतियों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि संभाजी महाराज को सही मायनों में समझना है तो वह केवल कहानी, उपन्यास या फिल्म से नहीं समझे जा सकते। उन्हें गहराई से जानने की आवश्यकता है। डॉ. शेवडे के भाषण के अंत में उपस्थित जनसमुदाय ने “छत्रपति शिवाजी महाराज की जय” और “संभाजी महाराज की जय” के जयघोषों से वातावरण को गुंजायमान कर दिया। इस अवसर पर डॉ. विलास डांगरे ने स्वर्गीय राम शेवाळकर और विजयाताई शेवाळकर को याद करते हुए कहा कि आज देश की स्थिति चिंताजनक है। कश्मीर जैसी घटनाओं को देखते हुए अब सभी हिंदुओं को एकजुट होकर देश की रक्षा के लिए खड़ा होना होगा। “बटोगे तो कटोगे” जैसे कटु सत्य को याद रखते हुए छत्रपति संभाजी महाराज की धर्मनिष्ठा और देशनिष्ठा को अपनाने की जरूरत है। कार्यक्रम का सूत्रसंचालन नीरज दोन्तुलवार ने किया और प्रास्ताविक भाषण में प्रफुल्ल माटेगावकर ने ट्रस्ट के विविध सामाजिक उपक्रमों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कोविड के बाद यह भव्य आयोजन पुनः प्रारंभ हुआ है, जिसमें समाज का उत्साही प्रतिसाद मिल रहा है।