
Desk News. विधानमंडल का शीतकालीन सत्र 16 दिसंबर से शुरू होने की संभावना है, और उपराजधानी नागपुर पूरे राज्य की राजधानी बनने को तैयार है। शीतकालीन अधिवेशन के लिए सरकारी महकमों ने तैयारियां लगभग पूरी कर ली हैं। सिविल लाइंस सहित विधानभवन, रविभवन, नागभवन, रामगिरी, देवगिरी, विजयगढ़, और विधायक निवासों को चकाचक कर दिया गया है। सरकारी महकमों के साथ-साथ सत्ता पक्ष के सभी दलों, जैसे भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट), और राकां (अजीत पवार गुट), के स्थानीय पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने भी अपने-अपने नेताओं के स्वागत की तैयारियां शुरू कर दी हैं। शहरभर में होर्डिंग्स लगाने, कार्यकर्ता सम्मेलनों और स्वागत कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की जा रही है। सत्ता पक्ष के नेताओं ने अपने क्षेत्र की जन समस्याओं को सत्र के दौरान हल कराने की योजना बनाई है। राकां (अजीत पवार गुट) के शहर अध्यक्ष प्रशांत पवार और जिलाध्यक्ष बाबा गूजर ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की समस्याओं की सूची तैयार करने के निर्देश दिए हैं। भाजपा और शिवसेना (शिंदे गुट) के पदाधिकारी भी विभिन्न मुद्दों पर अपने नेताओं को अवगत कराकर समाधान की मांग करने की तैयारी कर रहे हैं। विपक्षी दल भी शीतकालीन सत्र में सरकार को घेरने की रणनीति बना रहे हैं। मुख्य मुद्दा बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग हो सकती है। हालांकि विपक्ष के पास सदन में नेता विपक्ष नियुक्त करने लायक बहुमत नहीं है, फिर भी विपक्षी विधायक किसान, महिला सुरक्षा, और महंगाई जैसे मुद्दों पर आक्रामक रवैया अपनाएंगे। विपक्षी पार्टियां रैली और मोर्चा निकालकर सरकार पर दबाव बनाने की तैयारी में हैं। किसान, महिला सुरक्षा, और महंगाई जैसे मुद्दों को लेकर हल्लाबोल की योजना बनाई जा रही है। शीतकालीन सत्र में विपक्ष का यह प्रयास देखने लायक होगा। नागपुर, शीतकालीन सत्र के साथ राजनीतिक सरगर्मियों का केंद्र बनने वाला है। सत्ता और विपक्ष दोनों ही पक्ष अपनी-अपनी रणनीति के साथ अधिवेशन को यादगार बनाने के लिए तैयार हैं।