
नई दिल्ली. 24 से 26 अप्रैल 2025 तक भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (ICAR), पूसा, दिल्ली में स्वदेशी शोध संस्थान द्वारा ‘विजन 2047: समृद्ध व महान भारत’ विषय पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस संगोष्ठी में देश-विदेश से प्रख्यात विद्वान, नीति निर्माता, उद्योग जगत के प्रतिनिधि तथा सरकारी अधिकारियों ने भाग लिया।संगोष्ठी में 15 देशों के प्रतिनिधि ऑनलाइन माध्यम से जुड़े, जबकि भारत के 27 राज्यों से संस्थान के प्रमुख व 42 विश्वविद्यालयों के कुलपति प्रत्यक्ष रूप से सम्मिलित हुए। इस अवसर पर देशभर से आए 800 से अधिक शोध-पत्र प्रस्तुत किए गए। संगोष्ठी में कुल 16 सत्रों का आयोजन हुआ जिसमें आठ विषयों पर आधारित सत्र, उद्योग सत्र, उद्घाटन एवं समापन सत्र सहित चार तकनीकी सत्र तथा एक अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन संगोष्ठी सम्मिलित थीं। इस कार्यक्रम का उद्घाटन स्वदेशी विचारक श्री एस. गुरुमूर्ति, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर और सोनालिका ट्रैक्टर्स के अमृत सागर मित्तल ने किया। इसके पश्चात विभिन्न सत्रों में डॉ. कृष्णगोपाल (सहसरकार्यवाह), श्री सुरेश सोनी, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल एवं शमिका रवि, सुरक्षा विशेषज्ञ राजीव नैन, राज्यसभा सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी और मेजर जनरल रमन सिंह जैसे प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने भी विचार साझा किए। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और नितिन गडकरी सहित कई सांसदों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को और भी गरिमामय बना दिया। इस संगोष्ठी में जोहो के चेयरमैन श्रीधर वेंबु, नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार, प्रो. भगवती प्रकाश शर्मा, CA आर. सुंदरम, डॉ. अश्वनी महाजन, डॉ. धनपत राम, Delhi School of Economics के निदेशक डॉ. राम सिंह, और JNU के प्रो. प्रदीप चौहान सहित कई प्रमुख विद्वानों ने अपने शोधपूर्ण वक्तव्य दिए। स्वदेशी जागरण मंच के कश्मीरी लाल जी व सतीश कुमार जी, भारतीय मजदूर संघ के सुरेंद्रन जी, सहकार भारती के संजय पाचपोर जी, ग्राहक पंचायत के दिनकर सबनीश जी, हल्दीराम समूह के प्रतिनिधि, आईएफएस सुकल जी तथा अमेरिका के पूर्व राजदूत सहित अनेक विशिष्ट अतिथियों ने भी सहभागिता निभाई। इस भव्य आयोजन के सूत्रधार कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा और सह-आयोजक हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के प्रो. बलदेव कंबोज रहे। आयोजन की सफलता में 100 से अधिक कार्यकर्ताओं की समर्पित टीम ने तीन माह तक मेहनत की, विशेषकर अंतिम सप्ताह में उनका योगदान अत्यंत सराहनीय रहा। यह संगोष्ठी न केवल स्वदेशी शोध संस्थान को एक सशक्त अंतरराष्ट्रीय मंच के रूप में स्थापित करने में सहायक सिद्ध हुई, बल्कि भारतीय दृष्टिकोण से आर्थिक नीतियों पर विचार-विमर्श का सशक्त नेटवर्क भी तैयार हुआ है। स्वदेशी शोध संस्थान की केंद्रीय टीम से लेकर सामान्य कार्यकर्ता तक, जिन्होंने इस आयोजन की सफलता में किसी भी रूप में योगदान दिया, उन सभी का प्रो. प्रदीप चौहान (सचिव) एवं डॉ. सरबजीत कौर (सह सचिव) ने विशेष अभिनंदन किया।