
Desk News. कांग्रेस पार्टी ने हमेशा हिंदू धर्म की आस्था, मान्यताओं और भावनाओं का अनादर किया है। लेकिन इस बार, महाकुंभ जैसे पवित्र उत्सव की, उसमें आस्था और श्रद्धा से भाग लेने वाले करोड़ों हिंदुओं की, और गंगा की पवित्रता की खिल्ली उड़ाकर, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सारी हदें पार कर दी हैं। खड़गे ने एक विवादास्पद बयान दिया, जिसमें उन्होंने पूछा, “क्या गंगा में स्नान करने से इस देश की गरीबी दूर हो जाएगी?”। यह बयान न केवल गैर-जिम्मेदाराना है, बल्कि करोड़ों हिंदुओं की आस्था का सीधा अपमान भी है। कांग्रेस ने हमेशा एक विशेष समुदाय का तुष्टीकरण किया है, जिसे हिंदू समाज ने सहन किया। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हिंदुओं की आस्थाओं का मजाक उड़ाने का अधिकार कांग्रेस अध्यक्ष को है। कांग्रेस को हिंदुओं का वोट चाहिए, लेकिन उनकी भावनाओं के प्रति इतना तिरस्कार क्यों? खड़गे ने महाकुंभ का मजाक उड़ाया, लेकिन अगर भविष्य में कांग्रेस सत्ता में आई तो क्या वह कुंभ मेले जैसे आयोजन पर प्रतिबंध लगा देगी? इस बयान ने हिंदू समाज के मन में यह सवाल खड़ा कर दिया है। देश की जनता ने कांग्रेस को लगातार तीन बार सत्ता से बाहर कर दिया है, लेकिन ऐसा लगता है कि कांग्रेस ने अब तक इससे कोई सबक नहीं सीखा। खड़गे के इस बयान ने एक बार फिर जनता को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर कांग्रेस को और क्या सजा दी जाए? कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का यह बयान निंदनीय है। देश के सुज्ञ नागरिक और हिंदू समाज इसका जवाब निश्चित रूप से देंगे।