
मुंबई. महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था बनाए रखना और जनता के बीच सौहार्द का माहौल कायम रखना राज्य सरकार की संवैधानिक जिम्मेदारी है। लेकिन दुर्भाग्य से, महायुति सरकार जानबूझकर धार्मिक उन्माद फैलाकर साम्प्रदायिक तनाव पैदा कर रही है। भाजपा से जुड़े संगठन औरंगजेब की कब्र के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं, और राज्य के मुख्यमंत्री व मंत्री भी भड़काऊ बयान दे रहे हैं। वर्तमान स्थिति को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि राज्य सरकार कानून व्यवस्था बनाए रखने में पूरी तरह असफल रही है और मुख्यमंत्री व मंत्रियों का आचरण असंवैधानिक है। इस पृष्ठभूमि में, राज्य सरकार को तत्काल बर्खास्त किया जाए, ऐसी मांग कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से की है, यह जानकारी महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाळ ने दी। हर्षवर्धन सपकाळ के नेतृत्व में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन से मुलाकात कर नागपुर हिंसा और राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा। इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस विधायक दल के नेता विजय वडेट्टीवार, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष माणिकराव ठाकरे, पूर्व मंत्री डॉ. नितीन राऊत, विधायक अमिन पटेल, विधायक भाई जगताप, विधायक विकास ठाकरे, विधायक राजेश राठौड़, विधायक संजय मेश्राम, विधायक बाळासाहेब मांगुळकर, पूर्व सांसद हुसेन दलवाई, प्रदेश उपाध्यक्ष मोहन जोशी, प्रदेश महासचिव राजेश शर्मा और प्रदेश प्रवक्ता सचिन सावंत सहित अन्य नेता मौजूद थे।
भाजपा सरकार सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा दे रही है – कांग्रेस
इस बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाळ ने कहा कि राज्य के मत्स्य पालन व बंदरगाह मंत्री नितेश राणे ने राजनीतिक लाभ के लिए लगातार दो समुदायों के बीच तनाव बढ़ाने वाले विवादित बयान दिए हैं। इसके बावजूद मुख्यमंत्री एकतरफा कार्रवाई करने के बजाय उन्हें समर्थन दे रहे हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि राज्य सरकार की मंशा समाज में अशांति और सांप्रदायिक विभाजन पैदा करना है। उन्होंने कहा कि औरंगजेब की कब्र केंद्र सरकार के पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित है। इस संरक्षित स्मारक की सुरक्षा की जिम्मेदारी केंद्र और राज्य सरकार, दोनों की है। इसके बावजूद, भाजपा से जुड़े संगठन जैसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS), विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल इस कब्र के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री और नितेश राणे जैसे मंत्रियों ने संविधान के आधार पर शपथ ली है, लेकिन उनकी बयानबाजी असंवैधानिक है। इसलिए कांग्रेस की यह मांग है कि नितेश राणे को तुरंत मंत्री पद से बर्खास्त किया जाए।
नागपुर हिंसा पर कांग्रेस का कड़ा रुख
हर्षवर्धन सपकाळ ने कहा कि नागपुर शहर में रामनवमी और ताजुद्दीन बाबा के उर्स में हमेशा से सभी धर्मों के लोग उत्साह के साथ शामिल होते आए हैं। नागपुर ने सामाजिक सौहार्द का एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया है। लेकिन इस बार शहर में धार्मिक विवाद के चलते हिंसा भड़कना बेहद चिंताजनक और निंदनीय है। कांग्रेस की एक फैक्ट-फाइंडिंग कमेटी ने नागपुर जाकर हिंसा की जांच करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें दंगा प्रभावित क्षेत्रों में जाने की अनुमति नहीं दी। इसके बावजूद, कांग्रेस नेताओं ने सामाजिक संगठनों और स्थानीय नागरिकों से बातचीत कर हिंसा की वास्तविकता को समझा और इसकी पूरी जानकारी राज्यपाल को दी। कांग्रेस ने राज्यपाल से मांग की है कि वे राज्य सरकार को बर्खास्त करें और सांप्रदायिक तनाव फैलाने वाले मंत्रियों पर सख्त कार्रवाई करें।