
कोल्हापुर. छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में गिरफ्तार प्रशांत कोरटकर पर कोल्हापुर जिला सत्र न्यायालय के परिसर में एक वकील ने हमला कर दिया। यह घटना तब घटी जब कोरटकर को पुलिस सुरक्षा के बीच कोर्ट में पेश किया गया था। कोर्ट परिसर में लगे कड़े सुरक्षा बंदोबस्त के बावजूद यह हमला हुआ, जिससे प्रशासन और पुलिस की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं। आरोपी प्रशांत कोरटकर को आज कोल्हापुर के सत्र न्यायालय में सुनवाई के लिए लाया गया था। उस पर इतिहासकार इंद्रजीत सावंत को धमकाने और छत्रपति शिवाजी महाराज एवं छत्रपति संभाजी महाराज के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग करने का आरोप है। कोर्ट में युक्तिवाद की प्रक्रिया पूरी होने के बाद न्यायाधीश एस.एस. तट ने कोरटकर की पुलिस कस्टडी दो दिन के लिए बढ़ा दी, यानी अब वह 30 मार्च तक पुलिस हिरासत में रहेगा। सरकारी पक्ष की ओर से अधिवक्ता सूर्यकांत पोवार और इंद्रजीत सावंत की ओर से अधिवक्ता असीम सरोदे (ऑनलाइन माध्यम से) पेश हुए थे। आरोपी कोरटकर की तरफ से अधिवक्ता सौरभ घाग अदालत में मौजूद थे. सुनवाई समाप्त होने के बाद जब पुलिस कोरटकर को बाहर लेकर जा रही थी, तभी कोर्ट परिसर में पहले से मौजूद वकील अमित कुमार भोसले ने अचानक हमला कर दिया। भोसले ने कोरटकर की ओर दौड़ते हुए कहा, “ए पश्या, छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान करता है?” और उस पर हाथ उठाने का प्रयास किया। हालांकि, घटनास्थल पर तैनात पुलिसकर्मियों ने तुरंत हस्तक्षेप कर स्थिति को नियंत्रित किया और वकील को पकड़ लिया। इसके बाद उन्हें पुलिस स्टेशन ले जाया गया। यह उल्लेखनीय है कि कोर्ट परिसर में सुरक्षा के लिए भारी पुलिस बल तैनात था, और किसी आम नागरिक को भीतर प्रवेश की अनुमति नहीं थी। हमलावर चूंकि पेशे से वकील था और सुबह से ही कोर्ट परिसर में मौजूद था, इसलिए पुलिस को उस पर कोई संदेह नहीं हुआ। यह पहली बार नहीं है जब कोरटकर पर कोर्ट में हमला हुआ हो। इससे पहले भी एक व्यक्ति ने उस पर चप्पल फेंककर हमला करने का प्रयास किया था। ऐसे में यह हमला पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है। कोल्हापुर पुलिस ने साफ किया है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए उन्होंने पूरी सतर्कता बरती थी, लेकिन इस बार हमला करने वाला व्यक्ति खुद एक वकील होने के कारण पुलिस को चकमा देने में सफल रहा। हमले के बाद कोर्ट परिसर में अफरा-तफरी मच गई और पुलिस ने तुरंत पूरे परिसर की सुरक्षा बढ़ा दी। हमलावर वकील के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वकील को कोरटकर की ओर दौड़ते हुए और पुलिस द्वारा रोके जाते हुए साफ देखा जा सकता है। प्रशांत कोरटकर के खिलाफ चल रही जांच में यह सामने आया है कि उसे फरार कराने की कोशिश किसने की, उसे आर्थिक सहायता किसने दी और उसके सोशल मीडिया बयानों के पीछे कौन लोग थे? इन सभी पहलुओं की गहराई से जांच की जा रही है। फिलहाल, कोरटकर 30 मार्च तक पुलिस हिरासत में रहेगा और उससे जुड़े सभी पहलुओं की जांच कोल्हापुर पुलिस द्वारा जारी है। कोर्ट परिसर में हुई इस अप्रत्याशित घटना ने पूरे महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था को लेकर नई चर्चा छेड़ दी है।