
नागपुर. भारत में विकसित हुए विभिन्न शास्त्रों की नींव गणित पर आधारित है। वैदिक गणित के खंडों के माध्यम से यह ज्ञान समाज के समक्ष नए रूप में प्रस्तुत होगा। आने वाली पीढ़ियों तक वैदिक गणित की महत्ता और उपयोगिता पहुंचनी चाहिए। इस उद्देश्य से भारती कृष्ण विद्या विहार में वैदिक गणित का एक उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जाना चाहिए। सरकार की ओर से इसके लिए संपूर्ण सहयोग प्रदान किया जाएगा, ऐसा प्रतिपादन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किया। विश्व पुनर्निर्माण संघ द्वारा संचालित भारती कृष्ण विद्या विहार स्कूल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत के हाथों और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की प्रमुख उपस्थिति में आदि शंकराचार्य कृष्ण तीर्थ महाराज द्वारा लिखित वैदिक गणित के दो खंडों का प्रकाशन किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि प्राचीन भारतीय संस्कृति में अनेक महत्वपूर्ण शास्त्र विकसित हुए हैं, लेकिन परिस्थितियों और विदेशी आक्रमणों के कारण यह ज्ञान सभी तक नहीं पहुंच सका। आदि शंकराचार्य कृष्ण तीर्थ महाराज ने वेद ऋचाओं का अध्ययन कर गणित को सरल विधि से प्रस्तुत किया है, जो वैदिक गणित के खंडों में संकलित है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने कक्षा 5वीं से 7वीं तक के पाठ्यक्रम में इन पुस्तकों को शामिल किया है। इन खंडों के माध्यम से वेदों के ज्ञान का पुनरावलोकन किया गया है। वैदिक गणित भारत की एक महत्वपूर्ण बौद्धिक धरोहर है, जिसका अनुसंधान और संरक्षण आवश्यक है। इसी को ध्यान में रखते हुए भारती कृष्ण विद्या विहार में वैदिक गणित का उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जाना चाहिए मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के माध्यम से वैदिक गणित को छात्रों तक पहुंचाने के लिए सकारात्मक प्रयास किए जाएंगे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि मानव जीवन में गणना और संख्याओं का विशेष महत्व है। उन्होंने सांख्य दर्शन, वक्ररचना निर्देशांक, नल-दमयंती आख्यान और महाभारत जैसे ग्रंथों के उदाहरण देकर गणित की महत्ता को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि वैदिक गणित, जो भारतीय परंपरा से उत्पन्न हुआ है, विश्व कल्याण के लिए अत्यंत उपयोगी है। वैश्विक स्तर पर आध्यात्मिक पुनर्रचना के दौरान वैदिक गणित एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है और विश्व को समृद्धि और सुख प्रदान करने में योगदान दे सकता है। इस अवसर पर विश्व पुनर्निर्माण संघ के अध्यक्ष प्रफुल्लकुमार काले ने कार्यक्रम की प्रस्तावना प्रस्तुत की, जबकि महासचिव शैलेश जोगळेकर ने धन्यवाद ज्ञापित किया।