
NAGPUR. इंग्लैंड के न्यू यॉर्क शहर में नागपूर राज्य के संस्थापक श्रीमंत राजे रघुजी महाराज भोंसले (प्रथम) की ऐतिहासिक तलवार का लिलाव फिलिप मिसीलियर संग्रह क्रमांक 39C के तहत SOTHEBY’S द्वारा किया जा रहा है। इस घटना को लेकर पत्रकारों, इतिहासकारों, इतिहास अध्ययनकर्ताओं, शिवप्रेमियों और जनता में यह सवाल उठ रहा है कि नागपूर भोसले राजघराने की यह ऐतिहासिक तलवार इंग्लैंड कैसे पहुंची। साल 1853 से 1864 के बीच, तत्कालीन महाराज श्रीमंत राजे मुधोजी महाराज भोंसले (दूसरे) उर्फ ‘आप्पासाहेब महाराज’ के नेतृत्व में मराठा और अंग्रेजों (ब्रिटिश) के बीच युद्ध हुए थे। इसी दौरान अंग्रेजों ने नागपूर कर भोंसले का खजाना लूट लिया था। इसमें रत्नजड़ित दागदागिनें, शस्त्रसाठा और तलवारों का भी लूट लिया गया था। ऐसे में संभावना है कि यह तलवार भी इसी लूट में शामिल हो। दूसरी संभावना यह भी है कि किसी ब्रिटिश अधिकारी ने इस तलवार को चुपके से ले लिया हो और समय के साथ उसे बेचा या किसी को उपहार स्वरूप दी हो। अब यह ऐतिहासिक तलवार SOTHEBY’S के पास पहुंची है और इसका लिलाव होने जा रहा है। इस लिलाव के बारे में जानकारी मिलते ही कई लोगों ने यह सवाल उठाया है कि क्या यह तलवार हमारे पास वापस आ सकती है। इस संदर्भ में विभिन्न माध्यमों से मुझे सुझाव प्राप्त हुए हैं। निश्चित रूप से हमारे व्यक्तिगत प्रयास हैं कि यह ऐतिहासिक तलवार हमारे पास आए।