
नागपुर. उमरेड उपवन क्षेत्र के मांगरूड और बोटेझरी नियतक्षेत्र की सीमा से सटे बोटेझरी नियतक्षेत्र में एक बाघ का आंशिक रूप से कटा हुआ पैर मिलने की सूचना वन विभाग को प्राप्त हुई। सूचना मिलते ही दक्षिण उमरेड वनपरिक्षेत्र के वनकर्मी तुरंत मौके पर पहुंचे और वरिष्ठ अधिकारियों को स्थिति की जानकारी दी। घटनास्थल की जांच करने पर शव compartment क्रमांक 356 के आरक्षित वन क्षेत्र के एक नाले के किनारे मिला। इसके बाद राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) की मानक कार्यप्रणाली (SOP) के अनुसार आवश्यक कार्रवाई की गई। दोपहर 2:30 बजे उपवनसंरक्षक डॉ. भारतसिंह हाडा, सहायक वनसंरक्षक मनोज अ. धनविजय, प्रधान मुख्य वनसंरक्षक (वन्यजीव) के प्रतिनिधि कुंदन हाते, मानद वन्यजीव संरक्षक रोहित कारू, पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. समर्थ (उमरेड), डॉ. गिरीश गभने (भिवापुर), और डॉ. राजेश फुलसोंगे (TTC) की उपस्थिति में पंचनामा और अन्य प्रक्रिया पूर्ण की गई. बाद में बाघ का शवविच्छेदन (पोस्टमॉर्टम) किया गया। प्रारंभिक जांच के अनुसार बाघ की अवैध शिकार की कोई संभावना नहीं जताई गई है। उसके सभी अंग जैसे खाल, नाखून, दांत, पंजे, पूंछ और मूंछ सुरक्षित अवस्था में पाए गए हैं। शरीर पर बिजली के झटके या किसी अन्य यातना के कोई निशान नहीं मिले। हालांकि शरीर के कुछ हिस्से खाए गए थे और शव को लगभग 100 से 150 मीटर तक घसीटकर ले जाने के निशान मिले हैं। इन तथ्यों के आधार पर प्राथमिक अनुमान लगाया गया है कि यह मामला दो बाघों के बीच हुए क्षेत्रीय संघर्ष (Territorial Fight) का हो सकता है, जिसमें यह युवा नर बाघ मारा गया। मृत बाघ की उम्र लगभग 15 से 18 महीने बताई जा रही है। वन विभाग ने इस घटना को लेकर वनगुन्हा (Forest Offense) दर्ज कर लिया है। मामले की आगे की जांच सहायक वनसंरक्षक मनोज अ. धनविजय द्वारा की जा रही है।