
नागपुर. जिले में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष खनन प्रभावित क्षेत्रों में राज्य शासन द्वारा निर्धारित निर्देशों के अनुसार आगामी वित्तीय वर्ष में लोकहितकारी और सतत विकासात्मक कार्यों को प्राथमिकता देना आवश्यक है। इस प्राथमिकता क्रम को तय करने से पहले, जिला खनिज प्रतिष्ठान की नियामक समिति के सभी सम्माननीय सदस्यों द्वारा सुझाए गए कार्यों पर विचार कर समयबद्ध कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश राज्य के राजस्व मंत्री एवं पालक मंत्री चंद्रशेखर बावनकुळे ने दिए। जिला खनिज प्रतिष्ठान की नियामक समिति की बैठक नियोजन भवन में मंत्री चंद्रशेखर बावनकुळे की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में वित्त एवं नियोजन राज्यमंत्री अॅड. आशिष जयस्वाल, सांसद श्यामकुमार बर्वे, विधान परिषद सदस्य डॉ. परिणय फुके, कृपाल तुमाने, संदीप जोशी, विधायक डॉ. नितीन राऊत, कृष्णा खोपडे, प्रवीण डटके, चरणसिंह ठाकुर, संजय मेश्राम, समिति के पदेन अध्यक्ष जिलाधिकारी डॉ. विपिन इटनकर, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनायक महामुनी, पदेन सचिव जिला खनिकर्म अधिकारी अतुल डोडे, मनपा अतिरिक्त आयुक्त बी. वैष्णवी आदि उपस्थित थे।
सड़क विकास के लिए शासन को विशेष प्रस्ताव भेजा जाएगा
खनिज प्रतिष्ठान अंतर्गत शासन ने विभिन्न विकास कार्यों की उच्च प्राथमिकताएं निर्धारित की हैं, जिनमें स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाना, प्रभावित क्षेत्रों में मोबाइल स्वास्थ्य सुविधाएं, शिक्षा, खेल आधारभूत ढांचा, ई-लर्निंग सेटअप, महिला और बाल कल्याण, कुपोषण, वृद्ध एवं दिव्यांग कल्याण, कौशल विकास, आजीविका निर्माण, स्वच्छता, आवास निर्माण आदि शामिल हैं। अप्रत्यक्ष प्रभावित क्षेत्रों के लिए जलसिंचन, जलग्रहण क्षेत्र विकास, सूक्ष्म सिंचन, नाला बांध जैसे कार्य अपेक्षित हैं। इन कार्यों में से प्राथमिकताएं तय कर बैठक में यह निर्णय लिया गया कि सड़क विकास कार्य नहीं लिए जाएंगे। खनन प्रभावित क्षेत्रों के सड़क विकास हेतु मुख्यमंत्री से अलग निधि की मांग की जाएगी, ऐसा स्पष्ट बयान पालक मंत्री चंद्रशेखर बावनकुळे ने दिया। भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए खनन प्रभावित क्षेत्रों का संपूर्ण विकास आराखड़ा तैयार किया जाए – राज्यमंत्री आशिष जयस्वाल राज्यमंत्री आशिष जयस्वाल ने कहा कि खनन प्रभावित क्षेत्रों में विभिन्न विकास कार्यों के माध्यम से होने वाले परिवर्तन की एक स्पष्ट रूपरेखा हमारे सामने होनी चाहिए। इसके लिए गांव स्तर पर प्रस्तावित कार्यों की पूर्ति से संबंधित विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश उन्होंने दिए।