
चुनाव समाप्त होकर मोदी सरकार 3.0 का शपथ ग्रहण रविवार शाम को हुआ लगभग 24 घंटे के बाद मंत्रालय का बटवारा भी हो गया. इसी बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक(RSS) डॉ. मोहन भागवत का बयान आया है. मोहन भागवत ने कहा की चुनाव एक स्पर्धा है आपस का युद्ध नहीं, इस चुनाव में संघ जैसे संगठनों को भी खींचा गया. और टेक्नोलॉजी का सहारा लेकर असत्य बातें समाज में परोसी गई यह शास्त्र का विद्या का गलत उपयोग किया गया. ऐसा देश कैसे चलेगा? विपक्ष को विरोधी नहीं माना जाना चाहिए, क्योंकि वे विपक्ष है और एक पक्ष को उजागर कर रहे हैं. उनकी राय सामने आनी चाहिए चुनाव लड़ने की एक गरिमा होती है और उसका ख्याल नहीं रखा गया.
दरअसल संघ प्रमुख डॉ.मोहन भागवत ने नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय समापन समारोह को संबोधित करते समय बोल रहे थे, समापन समारोह में उद्योगपति मुकेश अंबानी के दामाद और पीरामल ग्रुप के निदेशक आनंद पीरामल, जिंदल ग्रुप के प्रगुण जिंदल खेतान, दिग्गज अभिनेता नाना पाटेकर के बेटे मल्हार पाटेकर, भारत बायोटेक लिमिटेड के चेयरमैन डॉ. कृष्णा इला, स्वामी सत्यप्रकाश मौजूद रहे। उन्होंने कहा चुनाव हर पांच वर्षों में होने वाली लोकतंत्र की प्रक्रिया है. और यहां जनता जनादेश देती है. और सब कुछ उन्हीं के अनुसार होगा. क्यों? कैसे? इसमें संघ के लोग शामिल नहीं होते. डॉ.मोहन भागवत कहा सभी धर्म का सम्मान करना चाहिए उनकी पूजा को भी सम्मान देना चाहिए. हमें मानकर चलना है की हमारे तरह उनका भी धर्म सच्चा है.
मणिपुर पर क्या बोले मोहन भागवत?
एक साल से मणिपुर शांति की राह देख रहा है. प्राथमिकता के साथ उनका विचार करना चाहिए. मणिपुर राज्य अगले दस साल से शांत रहा फिर एकदम से जल गया या जलाया गया उन पर कौन ध्यान देगा? उसपर प्राथमिकता देकर विचार करना जरूरी है.