
नागपुर. महाराष्ट्र सरकार की “गाळ मुक्त धरण, गाळ युक्त शिवार” योजना के तहत जिले में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार होने का आरोप लगा है। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी विपिन इटनकर को शिकायत सौंपते हुए मामले की उच्चस्तरीय जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। मुख्यमंत्री की पायलट योजना के रूप में 2023-24 के दौरान जिले के कई ग्राम पंचायत क्षेत्रों में तालाबों की गाद निकालने का कार्य निजी संस्थाओं को सौंपा गया था। लेकिन शिवसेना के आरोपों के मुताबिक, संबंधित संस्थाओं ने शासन व अधिकारियों से मिलीभगत कर बिना गाद निकाले ही बिल पास करा लिए। शिवसेना का कहना है कि तालाबों से गाद निकाले बिना ही सरकारी खजाने से भारी रकम का भुगतान कर दिया गया। ग्रामवासियों को गाद का लाभ नहीं मिला और न ही ग्राम सरपंचों से इस संदर्भ में कोई गारंटी पत्र लिया गया। इससे सरकारी नियमों का उल्लंघन कर शहरी व ग्रामीण विकास बहुद्देशीय संस्था, नागपुर को योजना का पूरा भुगतान कर दिया गया। इस भ्रष्टाचार की पूरी जानकारी युवासेना के विभागीय सचिव अपूर्वा पिट्टलवार ने इकट्ठा की, जिसे शिवसेना शहर प्रमुख नितीन तिवारी के नेतृत्व में जिलाधिकारी विपिन इटनकर को सौंपा गया। आरोप लगाया गया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के गृह जिले में ही उनकी योजना में इतना बड़ा भ्रष्टाचार हुआ, लेकिन दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। शिवसेना ने यह भी खुलासा किया कि 2024-25 में फिर से जिले में 40 तालाबों की गाद निकालने का कार्य मंजूर किया गया, जिसमें 20 तालाबों का ठेका फिर उसी भ्रष्टाचारी संस्था को दिया गया है। शिकायत पर जिलाधिकारी विपिन इटनकर ने कहा कि संस्थाओं द्वारा जियो टैग फोटो प्रस्तुत किए गए हैं और उन्होंने खुद स्थल निरीक्षण किया है। लेकिन जब शिवसेना ने जोगा ग्राम पंचायत सरपंच द्वारा काम न होने का लिखित प्रमाण सौंपा, तो जिलाधिकारी ने जांच कराने की बात कहकर मामले को टाल दिया। शिवसेना ने चेतावनी दी कि यदि इस मामले में उचित कार्रवाई नहीं हुई, तो लाचलुचपत विभाग और पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हुए सड़क पर उतरकर उग्र आंदोलन किया जाएगा। इस दौरान युवासेना विभागीय सचिव अपूर्वा पिट्टलवार, जिल्हा युवा अधिकारी प्रीतम कापसे, मुन्ना तिवारी, आशिष हाडगे, अब्बास अली, कार्तिक करोशिया, ललित बावनकर, विनय फुलझले, निलेश मून आदि मौजूद थे।