
नागपुर. उम्र के आखिरी पड़ाव पर भी लोकतंत्र के प्रति कर्तव्यनिष्ठा का अनूठा उदाहरण हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव के गृह मतदान प्रक्रिया में देखने को मिला। भारत निर्वाचन आयोग ने 85 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग मतदाताओं के लिए गृह मतदान की सुविधा प्रदान की है, जिससे वे अपने मतदान के अधिकार का पालन कर सकें। यह सुविधा उन वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों के लिए वरदान साबित हुई, जो शारीरिक असमर्थता के कारण मतदान केंद्र तक नहीं जा सकते।
बुजुर्ग मतदाता, जो बुढ़ापे और बीमारियों के चलते मतदान करने में असमर्थ रहते हैं, इस बार मतदान से वंचित नहीं रहे। निर्वाचन आयोग की इस पहल ने उनके लिए घर बैठे मतदान की व्यवस्था की। नागपुर जिले के 12 विधानसभा क्षेत्रों में 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं और दिव्यांगों ने इस सुविधा का लाभ उठाया।
14 नवंबर को 1,937 मतदाताओं ने किया गृह मतदान
जिले में 14 नवंबर को गृह मतदान के पहले दिन कुल 1,937 मतदाताओं ने मतदान किया। इनमें से:
दक्षिण पश्चिम नागपुर विधानसभा क्षेत्र में 85 वर्ष से अधिक आयु के 375 और 8 दिव्यांग।
दक्षिण नागपुर में 36 दिव्यांग।
मध्य नागपुर में 85 वर्ष से अधिक आयु के 142 और 14 दिव्यांग।
पश्चिम नागपुर में 85 वर्ष से अधिक आयु के 242 और 32 दिव्यांग।
उत्तर नागपुर में 85 वर्ष से अधिक आयु के 50 और 13 दिव्यांग।
काटोल में 85 वर्ष से अधिक आयु के 306 और 50 दिव्यांग।
सावनेर में 85 वर्ष से अधिक आयु के 182 और 26 दिव्यांग।
उमरेड में 85 वर्ष से अधिक आयु के 133 और 36 दिव्यांग।
कामठी में 85 वर्ष से अधिक आयु के 110 और 19 दिव्यांग।
रामटेक में 85 वर्ष से अधिक आयु के 143 और 20 दिव्यांग।
यह प्रक्रिया वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग मतदाताओं के लिए लोकतंत्र में उनकी सहभागिता सुनिश्चित करने का महत्वपूर्ण कदम साबित हुई है।