
Nagpur. रामकथा को विभक्त नहीं, बल्कि भक्त बनकर श्रवण करना चाहिए। मैं विज्ञान का विद्यार्थी होते हुए भी कहता हूं कि रामकथा में एक अद्भुत उत्साह है, जो हर बार नई ऊर्जा प्रदान करती है। यह विचार विश्व प्रसिद्ध कवि और मोटिवेशनल स्पीकर डॉ. कुमार विश्वास ने ‘अपने अपने राम’ के तहत प्रवचन देते हुए व्यक्त किए। यह प्रवचन खासदार सांस्कृतिक महोत्सव के दूसरे दिन हनुमाननगर के क्रीड़ा चौक स्थित ईश्वर देशमुख शारीरिक शिक्षण महाविद्यालय के मैदान पर आयोजित हुआ। डॉ. कुमार विश्वास ने आगे कहा, “रामकथा में अमृत तत्व है, यह हर बार नई जीवन शक्ति देती है। नागपुर राष्ट्रवाद का तीर्थ है और श्रीराम इस राष्ट्रवाद के आदर्श पुरुष हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों को ‘हैरी पॉटर’ जैसे उपन्यासों की बजाय राम की कथा सुनानी चाहिए, क्योंकि राम की कहानी में अद्वितीय पुरुषार्थ और संस्कार हैं। रामकथा के महत्व पर बोलते हुए डॉ. कुमार विश्वास ने कहा कि राम और कृष्ण हमारे सामूहिक पूर्वज हैं, और राम जाति-धर्म से परे हैं। राम पर लिखने का अधिकार उन्हें भी है। इस अवसर पर संस्कार भारती की प्रमुख कांचन गडकरी, एअर मार्शल संजीव घुराटीया, उद्योगपति सत्यनारायण नुवाल, नवभारत के संपादक निमेश माहेश्वरी सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने दीप जलाकर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। सांस्कृतिक महोत्सव के सफल आयोजन के लिए समिति के अध्यक्ष प्रो. अनिल सोले, उपाध्यक्ष डॉ. गौरीशंकर पाराशर, सचिव जयप्रकाश गुप्ता और अन्य सदस्य भी मौजूद रहे। इससे पहले डॉ. कुमार विश्वास के साथ उनकी टीम ने सुमधुर रामधुनों की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन रेणुका देशकर, कविता तिवारी और बाल कुलकर्णी ने किया। महोत्सव के मंच पर भगवान राम, सीता और लक्ष्मण की मूर्तियों के साथ अयोध्या के राम मंदिर का आभास देने वाली खूबसूरत सजावट की गई थी, जिसने कार्यक्रम में भव्यता और मंगलमय वातावरण का संचार किया। महोत्सव में श्रीराम रक्षा स्तोत्र और मारुति स्तोत्र का सामूहिक पाठ भी किया गया।