
NAGPUR. विवाह में पारंपरिक मान्यताओं को चुनौती देते हुए और समानता के मूल्यों को सशक्त करते हुए विम इंडिया ने इस वर्ष की शुरुआत में ‘इक्वल वाऊज़’ (Equal Vows) नामक मुहिम शुरू की। इस मुहिम का उद्देश्य था कि घर के कामों की जिम्मेदारी केवल महिलाओं पर नहीं, बल्कि दोनों पार्टनरों द्वारा मिलकर साझा की जाए। विम इंडिया का मानना है कि यह संदेश समाज में गहरे उतरकर परंपराओं और असमानताओं को तोड़ने में मदद करेगा। इस अभियान में अभिनेता राजकुमार राव और पत्रलेखा ने भाग लिया और उन्होंने रिश्तों में संतुलन और पारस्परिक सम्मान के महत्व को रेखांकित किया। उनका यह संदेश कई जोड़ों के दिलों को छू गया, जिनमें यह विश्वास पनपा कि घर की जिम्मेदारियां साझी होनी चाहिए। इसके अलावा, विम इंडिया ने इस मुहिम को एक कदम और आगे बढ़ाते हुए यवतमाल में एक सामूहिक विवाह समारोह आयोजित किया, जिसमें 120 नवविवाहित जोड़ों ने प्रेम के साथ-साथ घरेलू जिम्मेदारियों को समान रूप से निभाने का वचन लिया। यह एक अनूठी पहल थी, जिसका उद्देश्य विवाह के पारंपरिक ढांचे को बदलकर उसमें समानता का संदेश देना था। हालांकि, इस मुहिम पर मिश्रित प्रतिक्रियाएँ सामने आई हैं। कुछ लोग इस बदलाव को भारतीय संस्कृति के मूल तत्वों से खिलवाड़ मानते हैं, जबकि कुछ का कहना है कि समाज को इस बदलाव की आवश्यकता है। उनका यह भी मानना है कि भारतीय संस्कृति ने कभी भी किसी को कमतर नहीं आँका है और उसे बनाए रखना आवश्यक है। वहीं, ‘इक्वल वाऊज़’ मुहिम को कुछ लोग सामाजिक सुधार की क्रांति मानते हैं, जबकि कुछ के लिए यह अपनी सांस्कृतिक परंपराओं में अनावश्यक हस्तक्षेप जैसा प्रतीत हो रहा है। इस विषय पर समाज में बहस छिड़ी हुई है, और भविष्य में यह स्पष्ट होगा कि समाज इस दिशा में किस प्रकार का कदम उठाता है। विम इंडिया की इस मुहिम ने विवाह में बदलाव के एक नए रास्ते को सुझाया है, लेकिन परंपरा और आधुनिकता के बीच संघर्ष के इस दौर में समाज को किस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए, यह आने वाले समय में तय होगा।