
दिल्ली/नागपूर. विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष व वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार ने 6 ऑगस्ट को प्रेस वार्ता में बांग्लादेश में बढ़ती अनिश्चितता, हिंसा और अराजकता पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि हसीना सरकार के त्यागपत्र और देश छोड़ने के बाद वहां की स्थिति और अधिक गंभीर हो गई है। अंतरिम सरकार के गठन की प्रक्रिया जारी है और इस संकट के समय में भारत बांग्लादेश के साथ मजबूती से खड़ा है।
आलोक कुमार ने बांग्लादेश में हिंदू, सिख व अन्य अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थानों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों और घरों पर हो रहे हमलों पर चिंता जताई। उन्होंने बताया कि पंचगढ़ जिले में 22 घर, झीनैदाह में 20 घर, और जैसोर में 22 दुकानों को कट्टरपंथियों ने निशाना बनाया। इसके अलावा, कई जिलों में शमशान तक तोड़ दिए गए और मंदिर और गुरुद्वारों को भी क्षति पहुंचाई गई है। यह चिंता का विषय है कि बांग्लादेश में हिंदुओं की जनसंख्या जो कभी 32% थी, अब 8% से भी कम रह गई है। विहिप अध्यक्ष ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं के घर, व्यवसायिक प्रतिष्ठान, महिलाएं, बच्चे, और उनकी आस्था के केंद्र सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने विश्व समुदाय से अपील की कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए प्रभावी कार्यवाही करें। उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा से ही उत्पीड़ित समाजों की सहायता की है और इस परिस्थिति में भी भारत बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगा। साथ ही, उन्होंने सीमा पार से घुसपैठ के खतरे पर भी सतर्क रहने की सलाह दी और भारतीय सुरक्षाबलों से कड़ी चौकसी बरतने का आग्रह किया।आलोक कुमार ने यह भी कहा कि उनकी कामना है कि बांग्लादेश में जल्द ही लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्ष सरकार पुनः स्थापित हो और वहां के समाज को मानवाधिकार मिलें। भारत का समाज और सरकार इस विषय में निरंतर बांग्लादेश के सहयोगी बने रहेंगे।
